शेर की कहानी | 50+ मजेदार शॉर्ट शेर की कहानी

by Hindraj Kumar
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पंचतंत्र की ऐसी बहुत सी कहानिया है जो हमको कुछ न कुछ सिख आकार आती है जो न की एक कहानी मात्र होती है बल्कि वह प्रेणना से भरिपूर्ण होती है हम सब के बचपन से ही हमारी कुछ ऐसी कहानी होती थी जो हमारी पसिंदिदा हुआ करती है हमारी दादी नानी की कहानी जिनमे से भूत और शेर की कहानी मुख्य हुआ करती थी जिनमे से शेर की कहानिया काफी मजेदार हुआ करती थी और उनसे शिक्षा भी मिला करती थी इन्ही कहानी को एक बार फिर से तजा करने के लिए हम आपके लिए कुछ चुनी हुयी शेर की कहानिया लेकर आये है तो आईये कहानी को शुरू करते है.

शेर और लकड़बग्घे – पंचतंत्र की कहानी

एक समय की बात है एक जंगल में एक बाला नाम का शेर हुआ करता था वह अभी एक जवान शेर था उसको बाहरी दुनिया के बारे में कुछ अंदाज़ा नहीं था और तो और वह अभी शिकार भी नहीं कर पाता था वह शिकार करना अभी सिख रहा था वह रोजाना अपने कुछ दोस्तों के साथ जंगल के घने इलाके में शिकार सीखने के लिए जाता है जहाँ पर कुछ सरारती लकड़बग्घे भी थे चुकी शेर अभी शिकार सिख रहा था इसलिए वह आसान शिकार को भी पकड़ने में आशमार्थ रहता था.

शेर की कहानी
शेर की कहानी

ऐसा दृश्य देख कर लकड़बग्घे शेर की खिल्ली उड़ाते थे “कुछ लोग बहुत ही बेशर्म होते है ऐसे लोगो को तो मर जाना चाहिए, शेर होकर शिकार नहीं कर पाते इनको बिल्ली होना चाहिए” लकड़बग्घे के समूह से आवाज़ आती है”, लकड़बग्घो को अपना उपहास उडाता देख शेर काफी शर्मिंदा होता है चुकी वह शिकार नहीं कर पा रहा था इसकी वजह से वह लकड़बग्घो का भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता था अब यह सिलसिला रोजाना का हो चूका था शेर शिकार करने आता और लकड़बग्घो का समूह शेर का मजाक उड़ाते.

यह सब देख कर शेर काफी दुखी होता था और उसको भी अब ऐसा लगाने लगता है की शिकार करना उसके बस की बात नहीं है मुझको अब यह नाकाम कोशिश करना छोड़ देना चाहिए, शेर दुसरे दिन शिकार करने नहीं जाता है यह देख कर शेर की माँ बाला शेर से पूछती है “बेटा क्या हुआ आज तुम शिकार सीखने नहीं जा रहे हो” शेर अपने साथ हो रहे वह सारी बातो को अपनी माँ शेरनी से बताता है तब उसकी माँ उसको कहती है बेटा ऐसा सबके साथ होता है जब मैं भी तुम्हारे उम्र की थी.

तो शिकार नहीं कर पाती थी और मेरा भी लोग मजाक उड़ाते थे मेरे बारे में काफी सारी बाते किया करते थे किन्तु मैंने तुम्हारी तरह हार नहीं मानी यदि मैं हार मान जाती तो आज तक मैं जिन्दा नहीं होती है मैंने शिकार करना सिखा, और जो मेरा मजाक उड़ाते थे उनको करारा जवाब दिया, यह दुनिया ऐसी ही है बेटा, ऐसे लोगो को अपना दुश्मन नहीं समझना चाहिए, बल्कि दोस्त समझना चाहिए क्योकि दोस्त आपका उपहास काफी भी नहीं उड़ाते है किन्तु दुश्मन आपका उपहास उड़ाते है जिससे हम अपनी गलती को पहचानते है और सुधार कर पाते है।

और उन लोगो का मुंह बंद कर पाते है ये मत भूलो की तुम एक शेर हो, यदि तुम उन लकड़बग्घो के उपहास के कारण शिकार करना छोड़ देते हो तो, ऐसा करने से तुम्हारा ही नुकसान है तुम भूखो मर जायोगे, और वही लकड़बग्घे तुमको नोच कर खायेंगे, और तुम्हारी इज्जत कुछ नहीं रह जाएगी, अब फैसला तुमको करना है की तुम जंगल की बिल्ली बनाना पसंद करते हो या जंगल का असली राजा शेर, फैसला तुमरे हाथो में है।

4 दिनों तक शेर शिकार करने के लिए नही जाता है वह अपनी मां के द्वारा बताई गई बातो को बहुत बार सोचता है और अंत में फैसला करता है की मैं शिकार करना जरूर सीखूंगा और उन लक्कड़बाघो को मुंहतोड़ जवाब दूंगा, तीन महीनो के बाद दुबारा से शेर अपने कुछ दोस्तो के साथ शिकार करने के लिए निकल पड़ता है सामने लक्कड़बाघो का झुंड आ जाता है हमेशा की तरह वह शेर का मजाक उड़ाना शुरू करते ही है की तब तक अचानक से शेर इनपर झपता है और एक साथ दो लक्कड़बग्घो को दबोच लेता है।

शेर का यह रूप देकर बाकी लक्कड़बग्घे वहा से दुम दबाकर भाग जाते है लक्कड़बग्घे शेर के सामने अपनी जान की भिक मांगने लगाते है फिर शेर बोलता है की मैं तुमको छोड़ता हूं जाओ जाकर सबको बता दो की अब मैं बहुत ही सरलता से शिकार पकड़ सकता हूं, मुझसे खास तुम लोग बच कर रहना।

सीख

जीवन में कई सारी परेशानियाँ आती है जिसमे हम अपने आप को काफी निराश और हताश पाते है साथ ही हमको लोगो की अवलोचना का भी शिकार होना पड़ता है इस समय हमको हिम्मत से काम लेना चाहिए, न की दूसरो की बातो को सुनकर अपने कदम को पीछे हटाना चाहिए…

खरगोश और शेर की कहानी

जम्बवात नाम के जंगल में कई सारे जानवर एक साथ मिल जुल कर रहते थे चारो तरह हरियाली थी है हर एक जानवर में काफी मिल मिलाव था किंतु इन्ही एक समस्या थी आय दिन 10 से 20 की संख्या में जानवर मारे जाते थे जिससे उनके बीच हमेशा दुख और उदासिता का माहोल बना रहता था इसकी वजह थी जंगल के राजा शेर, जी हां उस जंगल में काला नाम का एक क्रूर शेर था जो अपने मनोरंजन मात्र के लिए ही अन्य बेकसूर जानवरो की हत्या कर देता था।

उसका यह रवैया देखकर जंगल के हर एक प्राणी काफी भयभीत थे क्योंकि रोजाना 10 से 20 की संख्या में मृत्यु काफी भयानक और डरावनी थी है हर एक सुबह उनको यही चिंता सताती थी की आज मैं अपने आप को उस दुष्ट शेर काला से कैसे बचू, एक दिन सभी जानवरों ने इस समस्या को दूर करने के लिए एक उपाय निकला, जिसके लिए उन्होंने एक पंचाईत बैठाई, जहाँ जिसमे सभी जानवर ने फैसला किया की काला शेर के पास हम्मे से किसी एक को रोजाना उसका शिकार बनाने के लीये जाना पड़ेगा, इससे रोजाना की मृत्यु दर कम हो जाएगी.

सब जानवरों ने सहमती जताई, और शेर के पास प्रस्ताव लेकर गए, और काला से कहाँ की आप रोजाना जंगल के 10 से 20 जानवरों को मौत के घाट उतार देते है और उनको खाते भी नहीं है यदि आप ऐसे ही करते रहे तो एक दिन जंगल के सभी जानवर समाप्ति की कगार पर आ जायेंगे, फिर आपको भूखो मरना पड़ेगा, “शेर गुर्राते हुए” तब मैं क्या करू, शिकार करना छोड़ दूँ, “जानवर” नहीं महाराज हमें तो आपकी चिंता है इसलिए हर सबने एक फैसला किया है की अब आपको शिकार करने के लिए जंगल में इधर से उधर भाग दौड़ नहीं करनी पड़ेगी.

बल्कि हम में से रोजाना कोई एक जानवर आपकी भूख को मिटाने के लिए आपके समक्ष खुद आएगा, जनवारो की यह बात सुनकर शेर बहुत खुश होता है क्योकि अब उसको बिना शिकार किये ही भोजन मिल रहा है, इसलिए काला शेर ने शहमती जताई, और कहाँ,,, मुझको तुम लोगो का यह प्रस्ताव मंजूर है इसके बाद रोजाना एक जानवर शेर का शिकार बनने के लिए खुद बा खुद शेर के पास चला जाता, और यह प्रक्रिया चलती रही, फिर भी जानवर में दुःख का माहौल बना रहता, क्योंकि रोजाना एक जानवर का परिवार अपने जानवर से दूर होता.

फिर भी वह जानवर कुछ भी नहीं का पाते थे एक दिन ऐसा आया जब शेर का शिकार बनने के लिए एक छोटे खरगोश का नंबर आता है वह खरगोश सारे जानवारों से विदाई लेकर काला शेर के पास जाने लगता है तभी रास्ते में उस खरगोश को एक तरकीब सुजती है और वह शेर के पास जाने में विलम्ब कर देता है और जब खरगोश काला शेर के पास पहुचता है तो शेर उसको देखकर काफी ज्यादा क्रोधित होता है और खरगोश से विलंबता की वजह पूछता है काला शेर उचे स्वर में ,,”तुम्हारी ये जुर्रत तुमने जंगल के राजा शेर काला का अपमान किया”,,

खरगोश शेर से ,,” छमा महाराज मेरी इतनी औकात कहा की मैं आपका अपमान करू, मैं तो समय से ही आपकी खिदमत के लिए जंगल से चला था किन्तु रास्ते में मेरी मुलाकात एक बहुत ही बड़े शेर से हो गई, जिसने मुझको रोक कर रखा, और मुझको आपके यहाँ पर आने में देरी हो गई,

शेर बोला:- अच्छा मुझसे भी बड़ा शेर कहाँ वह है मैं उस शेर से मिलाना चाहता हूँ खरगोश काला शेर को जंगल में बने एक कुए के पास लेकर जाता है तब काला शेर खरगोश से बोलता है कहाँ है वह शेर मैं उससे मिलना चाहता हूँ मैं आज उसको ही अपने मार कर अपनी भूख को मिटाऊंगा, जब काला शेर कुए के अन्दर झांक कर देखता है तो उसको अपनी ही परछाई देखाई देती है (चुकी काला शेर पहले से ही क्रोधित था) इसलिए वह अपनी परछाई को देखते ही बहुत ज्यादा क्रोधित हो गया, और उसको मरने के लिए बिना कुछ सोचे समझे कुए के अन्दर छलांग मार दी.

शेर की कहानी
sher ki kahani

इस प्रकार से दुष्ट काले शेर की मृत्यु हो गई और सारे जानवर उसके आतंक से हमेशा हमेशा के लिए बच गए, सारे जानवारों से छोटे खरगोश की चलाकी और बुद्धि की काफी प्रशंसा की और फिर से वह एक दुसरे से मिलजुल रहने लगे इस प्रकार से फिर से पुरे जंगल में शुख शांति की लहर आ गई!

सीख

हमारे सामने कितनी भी बड़ी मुसीबत क्यों न आ जाये हमको उस मुसीबत से आखरी साँस तक लड़ना चाहिए और उससे बच के कैसे निकले इसके बारे में सोचना चाहिए.

चूहे और शेर की कहानी । Short Moral Kids Story in Hindi

बहुत समय पहले की बात है एक जंगल था जहां पर सुखा पड़ने के कारण सारे जानवर उस जंगल को छोड़ कर दूर कही दूसरे जंगल में चले गए थे किंतु दो जानवर अभी भी उस जंगल में बचे हुए थे चूहा और शेर, उनको लगता था की एक दिन जरूर बारिश आएगी और उनकी समस्या को दूर करेगी।

एक समय की बात है जब शेर गहरी नींद में सो रहा था तभी चूहा है और उसके दीमाक में एक खुरापात आई और चूहा उस सोए हुए शेर के ऊपर जाकर उछल कूद करने लगा, शेर की नींद खुली तो उसने देखा की मेरे ऊपर एक छोटा सा चूहा उछाल कूद कर रहा है यह देखकर शेर गुस्से में बोला, ” दुष्ट चूहे तेरी ये मजाल की तूने मेरी नींद को खराब की” चूहा हाथ जोड़कर “छमा करना महाराज मैने यह जानबूझ कर नहीं किया, आप मेरी यह गलती को माफ कर दीजिए, आइंदा ऐसी गलती अब नही होगी।

शेर की कहानी
शेर की कहानी

किंतु शेर चूहे की बात को नही मानता है चूहे के द्वारा काफी ज्यादा गिड़गिड़ाने के बाद शेर चूहे को छमा कर देता है तब चूहा बोलता है “महाराज मैं आपका यह अहसान कभी भी नही भूलूंगा, और समय आने पर यदि आपके ऊपर कोई विपत्ति आती है तो मैं अपने प्राणों की बलि देकर आपकी रक्षा करूंगा।

चूहे की यह बाद सुनकर शेर जोर जोर से हंसने लगता है और बोलता है तुम एक चूहा होकर एक शेर यानी की जंगल के राजा की जान को बचाओगे, तुम्हारे इस चुटकुले पर मुझको बहुत हंसी आई, में तुमको अपने चंगुल से आजाद करता हूं, चूहा शेर का अभिनंदन करके वहा से चला जाता है ऐसी ही कई दिन बीत जाते है तभी एक दिन जंगल में शिकारी आ जाते है और शेर को पकड़ने के लिए जाल बिछा देते है और उस जाल में शेर फस जाता है।

काफी कोशिश करने के बाद शेर शिकारी द्वारा बिछाए गए जाल से बाहर नहीं निकल पाता है और थक हार के बाहर निकलने की कोशिश को छोड़ देता है तभी उस रास्ते से जाते चूहे को जाते हुए शेर देखता है शेर चूहे को मदद के लिए पुकारने के लिए अपना अपमान समझता है मगर चूहा तभी शेर को देखता है और बिना कुछ सोचे शेर के पास जाता है और अपने नुकीले दांतो से जाल को काटकर शेर को जाल से आजाद करता है इस प्रकार से शेर और चूहे दोस्त बन जाते है और दोनो मिलजुल कर रहने लगते है।

सीख

आप कितने भी बलवान है लेकिन जीवन में कभी भी किसी से बैर नहीं करना चाहिए, कब कौन आपके काम आ जाए यह कोई नहीं जानता है

चापलूस मंडली – शेर की कहानी – Short Moral Stories in Hindi

एक जंगल में एक शेर रहता था जिसके चार सेवक थे जीता, चील, लोमड़ी, भेदियाँ, यह चारो शेर के लिए अलग अलग काम किया करते थे चीता शेर का अंगरक्षक था चील संदेश वाहक का काम करती थी लोमड़ी शेर को इधर उधर की बात बताती थी और भेदियाँ ग्रिह्मंती था इन चारो से जंगल के सभी बाकी जानवर बहुत डरते थे और उनकी इज्जत करते थे साथ ही वह इन चारो को शेर की शेर की चापलूस मंडली के नाम से पुकारते थे शेर से जो खाना बचाता वह उन चारो के लिए छोड़ देता, इसको वह खा कर अपना पेट भरते थे इस प्रकार से उनको शिकार भी नहीं करना पड़ता था.

एक दिन चील उड़ते हुए आई और अपने तीनो साथियो को को कहा आज मैंने एक मोटा ताजा ऊंट देखा जो की जंगल के एक कोने में बैठा हुआ है लोमड़ी और चीता के मुंह में पानी आ गया, चीता बोला ” शायद ऊंट अपने झुण्ड से बिछड़ गया होगा” इतने पर लोमड़ी से कहा मेरे दीमाक में एक तरकीब आई है मैं किसी भी तरह से शेर को ऊंट का शिकार करने के लिए मानती हूँ, जिससे हम सब को एक ताजा ऊंट का मांस खाने के लिए मिलेगा.

लोमड़ी के शेर के पास जाती है और बोलती है ” महाराज गुप्तचरों से यह सूचना मिली है की जंगल के एक कोने में एक ऊंट बैठा हुआ है मैने ऐसा सुना है की ऊंट का मांस बहुत स्वादिष्ट होता है और इसको राजा महाराजा लोग खाते है बहुत की कम लोगो को ऊंट का मांस खाने के लिए मिलता है शेर लोमड़ी की बात में आ जाता है और ऊंट का शिकार करने के लिए चल देता है लेकिन वहा पर जाकर देखता है की एक कमजोर सा ऊंट जिसकी आँख पिली पड चुकी है ऊंट की हड्डियाँ दिख रही थी यह सब देखकर शेर ऊंट के पास जाता है और पूछता है तुम्हारी यह हालत किसने की.

ऊंट कराहता हुआ शेर से बोला! महाराज आपको शायद पता नहीं है इंसान बहुत ही ज्यादा स्वार्थी होता है मैं एक ऊंट के काफिले में सामान ढोने का काम किया करता था अचानक से मेरी तबियत बहुत ज्यादा ख़राब हो गई, और उन्होंने मुझको यहाँ जंगल में मरने के लिए छोड़ दिया, शेर को ऊंट की बात सुनकर, ऊंट पर बहुत दया आती है और शेर बोलता है तुम चिंता न करो मैं उम्हारी मदद करूँगा यह मेरा वचन है, शेर की यह बात सुनकर चापलूस मंडली का मुंह लटक जाता है और वह सब आपस में बात करने लगते है की ” ऊंट को फिर काफी मारने की तरकीब बनायेंगे इस समय शेर की बात को मानना अधिक उचित होगा.

चुकी शेर का आदेश था इस कारण से ऊंट को कोई अन्य जानवर परेशान नहीं करता था कुछ दिनों में ही शेर का स्वस्थ ठीक हो गया और जंगल की हरी घास को खाकर ऊंट बहुत ही ज्यादा मोटा और ताजा हो गया, और तब शेर ने ऊंट को अपनी शाही सवारी के पद पर नियुक्त कर दिया, अब ऊंट शेर को अपनी पीठ पर बिठाकर जंगल में घुमने लगा, इधर चापलूस मंडली को मांस खाना था तो वह लोग एक जुट होकर पंचायत करने लगे, तब लोमड़ी ने कहा कोई बात नहीं ऊंट नहीं तो हम अब किसी अन्य जानवर को अपना शिकार बनायेगे, और शेर को कैसे शिकार के लिए मानना है यह मुझको बहुत अच्छी प्रकार से आता है.

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तब लोमड़ी ने शेर को चने के झाड पर चढ़या और एक हाथी का शिकार करने के लिए कहाँ और शेर ने हाथी का शिकार करने के लिए कहा दुर्भग्य वस हाथी पागल निकला और शेर को अपनी सूंड से उठाकर पटक दिया जिससे शेर को काफी चोट भी आई है वह किसी प्रकार से पागल हाथी से अपनी जान को बचाकर वहा से भाग निकला, चुकी अब शेर जख्मी था इसलिए काफी दिन होने के बाद भी शिकार करने के लिए नहीं गया, इधर चापलूस मंडली का भूख से बुरा हाल था तभी लोमड़ी ने अपने समूह में पंचायत बैठाई और तब चील ने कहा ऐसा कितने दिनों तक और चलेगा हम लोग कब तक भूखे रहेंगे.

हम लोग भूखे नहीं रहेंगे वह ऊंट किस लिए है वैसे ही वह बहुत मोटा हो गया है काफी मांस उसके अन्दर है तभी चीता बोला लेकिन शेर का वचन है की उसको कोई ही हानि नहीं पहुचायेगा, किन्तु इतना मोटा और चर्बीदार मांस होने के कारण रहा भी नहीं जा रहा है चीता ने कहा लोमड भाई कोई तरकीब बताओ जिससे ऊंट को मारा जा सके, लोमड़ी ने कहा मैंने तरकीब पहले से बना कर राखी है हमको बस एक नाटक करना होगा, और हमारा काम आसान हो जायेगा, सभी सहमती में अपना सर हिलाते है सब लोमड़ी की योजना को सुनते है.

यजन के अनुसार चील शेर के पास जाता है और बोलता है “महाराज आपकी ऐसी हालत मुझसे देखि नहीं जा रही है आप मुझको मार कर अपनी भूख को मिटाए, तभी अचानक से लोमड़ी आ जाती है और चील को धक्का देकर हटा देती है और बोलती है चल हट तेरा मांस तो महाराज के दांतों में ही फंस का रह जायेगा , महाराज आप कृपया मुझको खाईये, तभी भेड़िया बिच में आ जाता है और बोलता है चल हट तेरे शारीर में बाल के शिवा और क्या है तेरा भी मांस कोई खाने के लायक है तभी चीता बिच में आ जाता है और बोलता है तू बुड्ढा हो चूका है तेरा मांस खाने के लायक नहीं है आप मेरा मांस खाकर अपनी भूख को शांत करे.

चापलूस मंडली का यह नाटक काफी शानदार था अब बस ऊंट ही बचा था तब लाचार होकर ऊंट को भी कहना पड़ा ऊंट बोला “महाराज आप मुझको खाकर अपनी भूख को शांत करे मेरा यह जीवन ही आपकी दें है मैं आपको मरने नहीं दूंगा” चुकी चापलूस मंडली यही चाहती थी तभी वह चारों एक साथ बोल पड़े शायद यही सही होगा आप ऊंट को खा कर अपनी भूख को शांत करे, चीता बोला !”महाराज आपकी आज्ञा चाहता हु क्या मैं इस ऊंट को मार दूँ” शेर बोलने ही वाला था की चीता और लोमड़ी ऊंट पर टूट पड़े और उसको मार दिया, कुछ दिन ऐसे ही बीत गए, अब शेर बुड्ढा हो चूका था.

चापलूस मंडली ने सोचा क्यों न अब हम शेर को ही मार कर अपनी भूख को शांत करे, एक दिन मौका देखते ही शेर को भी उन लोगो के मार कर खा लिए.////

सीख

चापलूसों से सावधान रहे यदि आपकी कोई चापलूसी करता है तो उससे 10 गुना दूर ही रहने में अच्छाई है नहीं तो इसका परिणाम बहुत भयानक हो सकता है,,,

शेर का आसन – Best short lion story in Hindi

एक समय की बात है एक जंगल था और इस जंगल का राजा शेर था चुकी वह शेर जंगल का राजा था इसलिए उससे सभी जानवर डरते थे उस जंगल के बीच में एक रास्ता था जिससे कभी कबार इंसान या पास के गांव की राजा की पालकी गुजरती थी, एक दिन की बात है जब रास्ते से राजा का आफिला गुजरता है जो की बहु संसार रहता है राजा एक हाथी के ऊपर अपना सिंहासन लगाकर बैठे हुए होते है।

शेर के द्वारा यह अदभुद दृश्य देखने के बाद उसके भी मन में राजा के जैसी ठाट का ख्याल आता है और वह जंगल के सभी जानवर को सूचना देता है की उसके लिए भी हाथी के पीठ पर सिंहासन तैयार किया जाय, सब जानवर शेर के आदेश का पालन करते है और हाथी के पीठ पर एक सिंहासन बना देते है यह देखकर शेर काफी खुश होता है और उछलकर हाथी के ऊपर बने सिंहासन पर बैठ जाता है।

जैसे ही हाथी चलता है तो सिंहासन हिलने लगता है जिसके कारण शेर सिंहासन से नीचे गिर जाता है और उसको बहुत चोट आती है।

सीख

हमारे पास जो है हमको उसी में खुश रहना चाहिए, यदि हम किसी की नकल करते है तो हमारे साथ ऐसा ही होता है जैसा शेर के साथ हुआ।

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निष्कर्ष…

अब आप समझ गए होंगे की शेर की कहानी Short Moral Stories in Hindi यदि अगर आपको लगता है की शेर की कहानी पूरी नही है या कुछ कमी है तो आप हमसे कमेंट बॉक्स के जरिए अपनी राय दे सकते है या हमको हमारी गलती बता सकते है हम आपके सवाल का जरूर जवाब देंगे।, किंतु यदि आप इस आर्टिकल शेर की कहानी में किसी प्रकार को कोई कमी दिखाई नही देती है तो आपसे विनती है कि आप इस आर्टिकल को अपने दोस्तो, शगे संबंधियों के फोन पर Send करे, जिससे आपके साथ वह भी इस कहानी का मजा ले सके, यहां तक पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत आभार.

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