100+ Story in Hindi Moral – Story in Hindi Short

by Hindraj Kumar
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Story in Hindi Moral 2022:  दोस्तों एक बार फिर मैं हाज़िर हूँ कहानियो का एक धमाकेदार पिटारा लेकर, कहानियां कई प्रकार की होती है कुछ हास्य से जुडी, कुछ भय से जुडी तो कुछ मजेदार गुदगुदी और प्रेणना से भरी हुयी जो हमको काफी कुछ सिखा जाती है आपको याद होगा जब हम छोटे थे और प्राइमरी में पढ़ा करते थे तो उस समय हमको कहानियो से बहुत लगाव हुआ करता था.

हम कोई अन्य सब्जेक्ट पढ़े या न पढ़े किन्तु हिंदी का हर एक वह अध्याय जिसमे कहानियां होती है हमको मुंह जवानी ही याद रहती थी जैसे शेर की कहानी, चालक लोमड़ी की कहानी, कछुए की कहानी, जंगल के राजा शेर और चूहे की कहानी ऐसी ही काफी सारी कहानियां उस समय हमारे हिंदी के पुस्तक में हुआ करती थी यह कहानी पढ़कर काफी अच्छा लगता था क्योकि यह कहानी मजेदार होने के साथ-साथ प्रेणना से भरपूर हुआ करती थी हर एक कहानी कुछ न कुछ हमको सिखा कर जाती थी.

जब हम रात को सोने जाते थे और हम अपनी नानी,दादी,काकी और माँ से कहानियां सुनना नहीं भूलते थे और वह भी हमको कई अलग-अलग कहानियां सुनाया करती थी जिनमे से राजा रानी की कहानियां सबसे अधिक हुआ करती थी इसके साथ और भी कई कहानियां हुआ करती थी जैसे अकबर बीरबल की कहानी विक्रम वेताल की कहानी और मज़ा तो तब आता था जब इस सब कहानी को खत्म होने के बाद भूतो की कहानियों का नंबर आता था काफी डर लगता था और इतना डर जाते थे की हम रात को अपने विस्तर से बहार तक नहीं निकलते थे.

लेकिन आज का समय बिलकुल अलग है हर एक बच्चे के पास अपना मोबाइल और लैपटॉप है वह उसमे ही लगे रहते है कई बच्चे तो Moral Stories in Hindi को सर्च भी करते है लेकिन वह एक सही परिणाम तक नहीं पहुच पाते है लेकिन आप दुखी न हो हम आपको इस पोस्ट में वह सारी Short Stories in Hindi को सुनने वाले है जो हमको हमारी दादी, काकी, नानी और माँ सुनाया करती थी तो चलिए बिना किसी देरी के उन सभी कहानियों की ओर बढ़ते है जो हम अपने बचपन में सुना करते थे.

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Story in Hindi Moral

अगर मैं गलत नहीं हूँ तो कहानियां 100 में से 80% लोगो को बहुत पसंद आती है जरुरी नहीं की वह लोग बच्चे ही हो वह किसी भी उम्र के हो सकते है इसलिए मैंने Short Stories of Hindi में ऐसी-ऐसी बेहतरीन कहानियों को लिखा है जिसको यदि आप पढेंगे तो Entertainment के साथ प्रेणना भी जरुर मिलेगी क्योकि हमने इस पोस्ट में “Short Inspirational Stories in Hindi” लिखीं गई है.

जिसको किसी भी आयुवर्ग के लोग time pass के लिए पढ़ सकते है यदि आपकी शादी हो गई है तो आप अपने बच्चो को भी यह कहानियां सुना सकते है तो आईये भी एक बढ़िया सी Short Moral Stores in Hindi से कहानी का शुभारम्भ करते है.

सुनेहरा जादुई पेड़ : Story in Hindi Short

Story in Hindi Moral

एक समय की बात है एक जंगल के पास एक लक्कड़ हारा और उसकी बीवी रहती थी दोनो बहुत ही अच्छे स्वभाव के थे उनकी एक बेटी भी थी वह बहुत ही होसियार और रहम दिल थी एक दिन अचानक से लक्कड़ हारे की बीवी को तबियत बहुत खराब हो जाती है.

हॉस्पिटल उस जंगल से काफी दूरी पर स्थित था जिसके कारण वह अपने बीवी को सही समय पर हॉस्पिटल में दाखिल न कर पाने की वजह से उसकी बीवी की मृत्यु हो जाती है बाप बेटी काफी दुखी होते है ऐसे ही कुछ दिन और बीतते है लक्कड़ हारे को अपने बेटी की चिंता होने लगती है क्योंकि वह सुबह होते ही जंगल की ओर लकड़ियां कटने के लिए चला जाता और उसकी बेटी अकेली ही घर पर रहती, बहुत देर तक सोचने के बाद उसने फैसला किया की वह अब दूसरी शादी करेगा.

जिससे वह अपने बेटी को तकलीफ को दूर कर सके, लक्कड़ हारा एक औरत से दूसरी शादी कर लेता है जिसके पास खुद की एक बेटी होती है जब लक्कड़ हारा शादी करके उसको और उसकी बेटी को घर लेके आता है तो कुछ दिनों के बाद वह सौतेली मां लक्कड़ हारे की बेटी पर जुल्म ढाने लगते है और एक दिन तो हद ही हो जाती है उसके ऊपर वह सौतेली मां गर्म पानी फेंक देती है जिससे उसका पूरा मुंह जल जाता है.

और वह अब बदसूरत दिखाने लगती है काफी जुल्म सहने के बाद एक दिन लक्कड़ हारे को सगी बेटी फैसला करती है की वह अब अपनी जान दे देगी, यह फैसला करके वह जंगल की तरफ जाती है और एक बड़े पेड़ के नीचे बैठकर जोर जोर से रोने लगती है तभी उस पेड़ से आवाज आती है बेटी तुम क्यों रो रही हो, लड़की उसको सब कुछ सच सच बता देती है तब वह जादुई उस लड़की की सूरत को पहले जैसे सुन्दर बना देता है और उसको एक रथ भरकर सोने चांदी देता है.

वह ख़ुशी ख़ुशी वापस अपने घर जाती है और जंगल में जो हुआ वह सब कुछ अपनी शौतेली माँ से सब कुछ बताती है फिर उसकी सौतेली माँ जो पहले से ही लालची थी वह जंगल में जाती है उस पेड़ के पास जाकर जोर जोर से रोने लगती है लेकिन वह पेड़ उसके बारे में सब कुछ जनता था वह उसको भी एक रथ भरकर सोने चाँदी देता है और उन्हें एक तेल भी देता है और बोलता है यह तेल लगाने से तुम और भी ज्यादा सुन्दर और तुम्हारे बाल मजबूत हो जायेंगे, वह घर जाती है और जैसे ही उस तेल को अपनी सगी बेटी और अपने सर पर लगाती है वह टकली हो जाती है और वह सोना मट्टी बन जाता है.

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मूर्ख गधे और लोमड़ी की कहानी। Story with moral in Hindi-Story in Hindi Moral

Story in Hindi Moral

एक समय की बात है एक बहुत ही बड़ा घना जंगल था जिसमे काफी सारे जानवर रहते थे उनमें से ही एक गधा और एक लोमड़ी भी थे ये दोनो काफी पक्के वाले दोस्त थे किधर भी जाते दोनो एक ही साथ जाते, खाना भी एक साथ खाते और खेलते भी एक साथ, लेकिन गधा जो था वह बहुत ही बुद्धिहीन था.

वह उल्टे सीधे काम करता रहता, गधे की बेहकुफियत भरी आदतें जब लोमड़ी देखता तो वह गधे को बहुत डटाता और उसको समझता की वह ऐसे काम न करे जिससे उसको खुद को ही नुकसान हो, लेकिन गधा तो गधा ठहरा वह कहा मानने वाला था वह कहता तुम मेरे दोस्त हो मेरा बाप बनने की कोशिश न करो, मैं तो ऐसा ही रहूंगा फिर लोमड बोलने ही वाला होता है की गधा वहा से चला जाता है लोमड़ अपने मन में बोलता है इसका क्या होगा भगवान ही जाने.

ऐसे ही उन दोनो का समय बीत रहा था लेकिन लोमड ने गधे से दोस्ती नही थोड़ी, एक दिन ऐसा आया जब गधे से लोमाड से कहां भाई लोमड़ चलो आज मैं तुमको दावत देता हूं, लोमड़ ने कहा क्या सच में, मैं तो तैयार हूं दोस्त चलो, लेकिन गधे ने कहां दोस्त अभी नही रात को जाना है रात होती खुला आसमान है आसमान में चांद निकला हुआ है और पूरे आसमान में तारे टिमटिमा रहे है.

सब मिलकर दृश्य काफी सुंदर है इधर गधा और लोमड़ चलते रहते है गधे ने लोमड़ को एक तरबूज के खेत में लेकर जाता है ताजे ताजे रस से भरे हुए तरबूज को देखकर दोनो के मुंह में पानी आ जाता है और दोनो बिना किसी देरी के तरबूज खाने में जुट जाते है दोनो ने पेट भर के तरबूज के मजे लिए तभी अचानक से गधा बोलता है तुम्हे मेरा गाना सुना है क्या,

मैं जब बहुत खुश होता हूं तो बहुत ही अच्छा गा लेता हूं तभी लोमड़ डर जाता है और गधे से बोलता है अभी नही जंगल में जाकर जितना गाना हो गा लेना लेकिन गधा तो अपनी आदत से मजबूर था वह कहां सुनने वाला था उन दोनो में काफी बहस होती है लेकिन गधा लोमड़ की बात नही मानता है तो इस पर लोमड़ बोलता है की ठीक है पर मुझे पहले इस खेत से दूर जाने दो तब तुम अपना गाना गा लेना गधा बोलता है.

तू तो डरपोक है और हमेशा डरता ही रहता है ठीक है जा तू तुम्हारे जाने के बाद ही मैं अपना गाना सुरु करूंगा, और लोमड़ वहा से चला जाता है इधर गधा अपना गला फाड़ने लगता है और ढेचू…. ढेंचू…. की आवाजे निकलना शुरू कर देता है इतने में गधे की बेसुरी आवाज खेत के मालिक के कानो में जाती है वह एक बड़ी लाठी के साथ दौड़ा दौड़ा खेत की ओर आता है और गधे को देखता है.

और फिर बिना देरी किए वह गधे को लाठी से इतना मार देता है की वह अब चलाने की स्थिति में भी नही रहता है किसी तरह मार खाता खाता गधा वहां से निकल जाता है और रास्ते में उसे लोमड़ मिलता है और बोलता है देखा न मैने तुमसे कई बार कहां था ऐसे उल्टे सीधे काम मत किया करो लेकिन तुम सुनते ही कहां हो, और आज से तुम्हारी और मेरी दोस्ती भी खत्म यदि मैं अभी भी तुम्हारे साथ रहा तो किसी न किसी दिन मैं भी तुम्हारी तरह पीटा जाऊंगा.

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लालची शेर की कहानी: Story in Hindi With Moral

Story in Hindi Moral

एक जंगल में एक शेर रहता था वह बहुत ही लालची था जिसका फायदा हर एक छोटा जानवर बहुत ही आसानी से उठा लेता था एक दिन की बात है जंगल का राजा यानी वह लालची शेर को बहुत ही जोरो से भूख लगी वह शिकार की तलाश में इधर उधर घूम रहा था तभी उसको एक छोटा जीव खरगोश नजर आता है वह अपने मन में सोचता है की मेरे किस काम का, इसका मांस में मेरे नुकीले दांतो मे ही फस कर रह जायेगा.

यह सोचते हुए वह आगे बढ़ जाता है अब वह जंगल के आखिरी छोर तक आ चुका है किंतु उसको एक भी अधिक मांस वाला जानवर दूर दूर तक नजर नहीं आता है वह बहुत ही निराश होता है उसकी भूख पहले से ओर भी ज्यादा बढ़ जाती है और वह सोचता है की चलो उस छोटे खरगोश को ही खा कर अपनी भूख को थोड़ा कम किया जाय.

यह सोचकर जब वह शेर वहां पर जाता है जहां पर उसने पहले छोटे खरगोस को देखा था तो वह पता की खरगोस अब उस जगह से काफी दूरी पर है चुकी अब वह बहुत ही थक चुका था जिसके कारण वह अब उस छोटे खरगोस को भी पकड़ने में असफल हो जाता है फिर उसको भूखा ही रहना पड़ता है.

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ईमानदार लक्कड़हारा । Moral Short Stories in Hindi

woodcutter Short Stories in Hindi

एक समय की बात दूर किसी गांव में एक लक्कड़ हारा रहता था वह बहुत ही ईमानदार था वह अपना और अपने परिवार का गुजारा जंगल की लकड़ियो को काट कर उनको बाजार में बेचकर उनसे जो पैसे मिलते थे उन पैसों से वह गुजारा करता था उसकी कुल्हाड़ी ही उसकी जीविका का एक मात्र साधन था.

एक दिन की बात है जब लक्कड़ हारा जंगल में नदी के किनारे एक सूखे पेड़ को देखता है और यह सोचकर उस सूखे पेड़ को काटने के लिए जाता है की इसकी लकड़ियां काफी अच्छी है और इनको बाजार में बेचकर मुझे अच्छा मुनाफा हो सकता है वह उस पेड़ के पास जाता है और इस सूखे पेड़ को काटना शुरू कर देता है लगभग आधे से अधिक पेड़ की शाखा कट चुकी होती है.

तभी उसकी कुल्हाड़ी उसके हाथ से छूटकर नदी में गिर जाती है यह देखकर लक्कड़ हारा काफी दुखी और जोर जोर से रोने लगता है लक्कड़ हारे की करुणा भरे स्वर सुनकर जल देवता प्रकट होते है और बोलते है वत्स तुम क्यों इतना विलाप कर रहे हो,लक्कड़ हारा पानी समस्या को जल देवता से बताता है तब जल देवता बोलते है देखो तुम रोओ नही मैं तुम्हारी कुल्हाड़ी जल के अंदर से अभी लेकर आता हूं.

जल देवता पानी के अंदर जाते है और सोने की कुल्हाड़ी को लेकर आते है और कहते है क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है जिसके लिए तुम विलाप कर रहे हो, लक्कड़ हारा बोलता है नही प्रभु यह मेरी कुल्हाड़ी नही है जल देवता दुबारा पानी के अंदर जाते है और इस बार चांदी की दो कुल्हाड़ी बाहर लेकर निकलते है और कहते है.

क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है लक्कड़ हारा फिर बोलता है नही देवता मेरी कुल्हाड़ी तो एक मामूली लोहे से बनी हुई है जल देवता फिर पानी के अंदर जाते है इस बार वह तीनो कुल्हाड़ी यानी लोहे चांदी और सोने की कुल्हाड़ी के साथ बाहर आते है जल देवता us लक्कड़ हारे को वह तीनो कुल्हाड़ी के बारे में पूछते है लक्कड़ हारा बोलता है की है यह लोहे की कुल्हाड़ी मेरी है.

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तब जल देवता उसकी ईमानदारी को देखकर बहुत प्रसन्न होते है और उसको वह चांदी और सोने की कुल्हाड़ी को भी दे देते है तब लक्कड़ हारा जल देवता को प्रणाम करता है और जल देवता वापस नदी के अंदर चले जाते है।

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हाथी और उसके दोस्तों की कहानी : Short Moral Stories in Hindi for Class 1

Story in Hindi Moral

एक समय की बात है एक हाथी अपने हाथी साथियों से बिछड़कर एक ऐसे जंगल में आ जाता है जहां पर वह बिलकुल नया होता है इस जंगल का कोई भी जानवर उससे बात नही करना चाहता है हाथी तब अपने अच्छे दोस्त की तलाश में निकल पड़ता है वह सबसे पहले जंगल में एक मेंढक के पास जाता है और उससे पूछता है.

मेंढक भाई क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे, इस पर मेंढक बोलता है नही मैं तुम्हारा दोस्त नही बन सकता हूं क्योंकि तुम मेरे जैसे कुद नही सकते है और तुम्हारा आकार भी बहुत बड़ा है फिर हाथी बदर के पास जाता जाता है और आइस भी वही सवाल करता है बंदर यह हाथी को यह बोलकर माना कर देता है की मेरे जैसे पेड़ पर उछल कूद नही कर सकते हो.

फिर हाथी जंगल में एक चूहे के पास जाता है और बोलता है चूहे भाई क्या तुम मेरे दोस्त बनोगे, चूहा बोलता है नही में तुम्हारा दोस्त नही बन सकता हूं क्योंकि तुम मेरे घर में घुस नही सकते हो, ऐसे हीं करके हाथी जंगल के सभी जानवरों से यह बात बोलता है किंतु उसका दोस्त कोई भी नही बनता है वह उदास हो जाता है.

फिर एक दिन अचानक से जंगल के सारे जानवर इधर उधर भाग रहे थे यह हाथी देखता है और वह भागते हुए एक हिरण से इसकी वजह पूछता है तो वह हिरण बोलता है की शेर आज फिर से शिकार पर निकला है यही कारण है की सारे जंगल के सारे जानवर अपनी जान बचा कर इधर उधर भाग रहे है.

फिर हाथी इस शेर के पास जाता है और बोलता है भाई शेर तुम इस बेकसूर जानवरों को क्यों मरना चाहते हो कृपया इन्हे बक्श दो, यह सुनकर शेर हसनें लगता है और बोलता है नासमझ हाथी मेरे रास्ते से हट जा नही तो तुभी अपनी जान से हाथ धो बैठेगा,

यह सुनकर हाथी को बहुत गुस्सा आता है और दौकड़ उस घमंडी शेर को जोर से लात मरता है और शेर दूर जाकर गिरता है मार खा कर शेर को बुद्धि खुल जाती है और वहा से दुमदाबाकर भाग जाता है यह देखकर सारे जानवर हाथी का शुक्रिया अदा करते है और ऐसे ही जंगल के सभी जानवर उस हाथी के दोस्त बन जाते है अब हाथी सबके साथ खुशी खुशी रहने लगता है।

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दो मेंढ़कों की कहानी : Short Animal Stories in Hindi

Story in Hindi Moral

एक समय की बात है जब जंगल में चारो ओर सुखा पड़ा था सारे जानवर पानी की तलाश में इधर से उधर भटक रहे थे जिनमे से मेढ़को का एक झुंड भी पानी की खोज में जंगल में भटक रहे थे वह जंगल में पानी की तलाश में आगे बढ़ ही रहे थे ही तभी अचानक से दो मेंढक एक गहरे गड्ढे में गिर जाते है.

वह उस गहरे गड्ढे से बहुत निकलने का प्रयत्न करते है किंतु वह गढ्ढे से बाहर नहीं निकल पाते है इधर बाहर बाकी मेंढक उन दोनो मेंढकों के हौसले को पास्ट करते है और उनसे बोलते है की तुम दोनो के द्वारा की गई तुम्हारी सारी मेहनत व्यर्थ ही जायेगी, तुम इतनी लंबी छलांग नही लगा सकते हो जिससे तुम बाहर निकल सको.

ऐसी ही कई अन्य बाते गढ्ढे से बाहर वाले मेंढक गढ्ढे के अंदर गिरे उन दो मेंढकों को बोलते ही रहते है तभी उनमें से एक मेंढक यह मान लेता है के वह अब इस गहरे गड्ढे से बाहर कभी भी नही निकल पाएगा, उसको अपनी मृत्यु का भय सताने लगता है और वह अपने प्राण उस गढ्ढे में त्याग देता है.

उधर दूसरा मेंढक बाहर के मेंढक के द्वारा हतोत्साहित करने के बावजूद में लगातार मेहनत करता रहता है और एक समय ऐसा आया जब वह एक लम्बीं छलांग के साथ उस गहरे गढ्ढे से बहार आ गया, यह देखर वहा पर उपस्थित सारे मेंढकों की आंखे फटी की फटी रह गयी, वह हैरान थे की हमारे द्वारा हतोत्साहित करने के बावजूद भी यह कैसे इस गढ्ढे से बहार निकल सका,

बाद में उनको सबको पता चलता है की वह मेंढक बहरा था उस लोगो के द्वारा हतोत्साहित को वह अपना उत्साह समझ रहा था उसको लग रहा था की यह लोग मुझे इस गढ्ढे से बहार निकलने के लिए प्रोत्साहित कर रहे है जिसके कारण वह मेंढक बहार निकल सका, और अपने प्राण को बचा सका.

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चींटी और कबूतर की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 3

एक बार की बात है गर्मी के दिनों में एक चींटी अपने घर से खाने की तलाश में भटक रहा था तभी उसका पैर फिसलता है और वह नदी में गिर जाता है वह अपने आप को बचा नहीं पाता है और नदी में बहता हुआ चला जाता है तभी एक पेड़ की टहनी पर बैठा हुआ पानी में डूबती हुयी चींटी को देखता है और उसको बचने के लिए पेड़ से एक पत्ता नदी में गिरा देता है जिससे चींटी की जान बच जाती है.

चींटी कबूतर का शुक्र अदा करता है और वह दोनों गहरे दोस्त बन जाते है और ख़ुशी ख़ुशी एक साथ रहने लगते है एक दिन जंगल में शिकारी आता है वह उस सुन्दर कबूतर को पेड़ पर बैठा हुआ देख उसको मरने के लिए अपनी बन्दुक निकालता है और यह सब नीचे बैठा हुआ चींटी देख रहा होता है अपने दोस्त कबूतर की जान को बचाने के लिए शिकारी के पैर में जोर से काट लेता है.

जिससे शिकारी का निशाना चुक जाता है और बन्दुक की आवाज़ को सुनकर पेड़ पर बैठा हुआ कबूतर तुरंत वहा से उड़ जाता है फिर शिकारी वहा से चला जाता है बाद में कबूतर वहां पर आता है और चींटी को अपनी जान को बचने के लिए उसको धन्यवाद देता है.

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लोमड़ी और सारस की कहानी : Story in Hindi Short

एक समय की बात है एक जंगल में एक सारस और एक लोमड़ी रहते थे लोमड़ी काफी स्वार्थी स्वभाव का था एक लोमड़ी के मन में शरारत जागृत होती है और वह लोमड़ी को अपने घर पर दावत के लिए बुलाती है सारस लोमड़ी के आमंत्रण को ख़ुशी ख़ुशी स्वाविकर कर लेता है और रात को दावत के लिए लोमड़ी के घर जाता है.

लोमड़ी एक बड़ी से पतली थाली में सूप लेकर सारस के सामने आती है और उसको पीने के लिए देती है सारस की लम्बी चोंच होने के कारण वह सूप को नहीं पी पाता है और मन ही मन काफी गुस्सा होता है और लोमड़ी को सबक सिखाने का फैसला करता है और बोलता है भाई लोमड आपने हमें दावत पर बुलाया इसके लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया.

आप भी मेरे घर कल दावत पर जरुर आईयेगा, मैं भी आपकी खातिरदारी करना चाहता हूँ, यह बोलकर सारस वहा से अपने घर के लिए चला जाता है दुसरे दिन लोमड़ी दावत के लिए सारस के घर जाती है तब सारस एक पतली मुंह वाली लम्बी सुराई में सूप लेकर आता है और लोमड़ी को पीने के लिए देता है चुकी लोमड़ी की गर्दन मोटी थी जिसके कारण वह अपने मुंह को उस सुराई के बर्तन में नहीं डाल पता है.

और कुछ भी नहीं पी पाता है तभी लोमड़ी को अपनी गलती का एहसास होता है जो उसने सारस के साथ अपने घर पर किया था, और बिना कुछ बोले लोमड़ी अपनी गर्दन को शर्म से नीचे किये सारस के घर से चला जाता है.

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लोमड़ी और अंगूर की कहानी : Good Short Moral Stories in Hindi

एक समय की बात है जब जंगल में काफी सुखा पड़ गया था जंगल में कुछ भी खाने के लिए नहीं था ऐसे में सभी जानवर खाने की तलाश में इधर उधर भटक रहे थे जिनमे से एक लोमड़ी भी था वह खाने की तलाश में जंगल से काफी दूर आ चूका था लेकिन फिर भी उसको खाने के लये कुछ भी न मिला, वह काफी उदास हुआ, तभी वह सोचा क्यों न मैं किसान के खेतो की ओर खाना ढूढने के लिए जाऊ.

यह सोचकर लोमड़ी किसान के खेतो की ओर बढ़ जाता है एक किसान के पेड़ पर उसको बहुत से रसीले अंगूर दिखाई देते है यह देखकर लोमड़ी के मुंह में पानी आ जाता है और उसको खाने के लिए छलांग लगाना शुरू कर देता है काफी उछल कूद करने के बाद भी वह अंगूर तक नहीं पहुच पाता है.

Story in Hindi Moral

और निराश होकर अंगूर को खाने की तमन्ना अपने दिल से बहार निकाल देता है और अपने मन को यह बोलकर समझा लेता है की “अंगूर तो खट्टे है” इसलिए मैं इसको नहीं खाऊंगा.

सिख

रास्ते में बाधा की कहानी : Story in Hindi Moral

एक समय की बात है कई राज्य था जहाँ के लोग बहुत ही आलसी थे वह किसी भी तरह का काम करना नहीं पसंद करते थे जिससे राज्य में काफी कचरा भरा हुआ था और राज्य पूरा गन्दा दिखाई दे रहा था अपने प्रजा का हद से ज्यादा आलसीपन को देखर राजा बहुत दुखी हुआ.

और उसने एक योजना बनायीं उसने अपने राज्य और महल में यह कहा की वह कुछ दिन के लिए तीर्थ यात्रा पर जा रहे, और कुछ हीरे मोती लेकर वह अपने महल से निकल जाते है और राज्य के मुख्य द्वार पर जाकर उन हीरे मोती को वहा पर रखते थे और उसके ऊपर एक बड़ा सा पत्थर रख देते है और दूर जाकर एक झाडी में छिपकर बैठ जाते है और देखते है की कौन उसको हटता है.

बहुत से लोग उस रस्ते से जाते है लेकिन कोई उस बड़े से पत्थर को रास्ते से हटाना सही नहीं समझते है और दूसरी तरफ से जाना सही समझते है और तभी एक किसान अपने बैलो को लेकर उसी रास्ते से आता हुआ दिखाई देता है वह उस रास्ते में बड़े से पत्थर को पड़ा हुआ देख उसको हटाने के लिए आगे बढ़ता है और काफी मशक्कत के बाद उस पत्थर को हटाने में सफल हो पाता है.

और जैसी ही वह पत्थर को हटाता है वह देखता है की नीचे एक पोटली है जिसमे काफी सारे हीरे मोती भरे हुए है इस मोतिओ के साथ एक चिठ्ठी भी होती है उसमे लिखा होता है यह खज़ाना राजा का है किन्तु अब यह तुम्हारा हुआ क्योकि तुमने काफी मेहनत से इस बड़े पत्थर को हटाया है.

यह खबर पुरे राज्य में आग की तरह फ़ैल जाती है और उस दिन से राज्य के सभी लोग आलास को त्याग कर अपने काम काज में लग जाते है और राज्य भी साफ सुथरा हो जाता है यह परिवर्तन को देखकर बहुत खुश होता है.

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एक बूढ़े व्यक्ति की कहानी : Story in Hindi Moral

एक गॉव में एक बुढा व्यक्ति रहता था उसका स्वभाव बहुत ही अजीव था वह हमेशा चिडचिडा, दुखी,और परेशान रहता था और गॉव के दुसरे लोग भी उससे मिलना और बात करना पसंद नहीं करते थे क्योकि वह बुढा व्यक्ति उन लोगो से भी ऐसे बात करता था जिसकी वजह से वह लोग भी दुखी हो जाते थे.

यहाँ तक की लोग उसके सामने से जाना भी पसंद नहीं करते थे क्योकि वह नहीं चाहते थे की बिना वजह वह उदासी को अपने गले लगाये, तभी अचानक से यह बात सामने आती है की बुढा ब्यक्ति अब खुश है वह आज अपने जीवन में पहली बार हँसा है उस बूढ़े व्यक्ति का ऐसा स्वभाव देखकर पूरा गॉव शन्न हो जाता है और गॉव के लोग उससे पूछते है आपके साथ पहली बार ऐसा हुआ है हम जानना चाहते है की यह चमत्कार कैसे हुआ.

जवाब में बूढ़े आदमी से कहाँ “कुछ खास नहीं, मैं अस्सी साल से ख़ुशी का पीछा कर रहा था जो की बेकार था मुझे आज पता चला है की असली ख़ुशी तो अपने अन्दर ही छिपी होती है इसलिए मैं आज खुश हूँ.

सिख

 शेर और चूहे की कहानी: Story in Hindi Moral

एक जंगल में एक शेर घोड़े बेचकर सो रहा था तभी एक चूहा उसके शरीर चढ़ कर अपने मनोरंजन के लिए उछल कूद करने लगा, जिससे शेर की नींद टूट जाती है और चूहे की इस हरकत से शेर को चूहे पर बहुत गुस्सा आता है और वह चूहे को अपने पंजो में जकड़ लेता है.

चूहा शेर की कैद में आ कर बहुत ही घबरा जाता है और शेर से विनती करने लगता है की उसको वह आज़ाद कर सके, और उससे बोलता है की जब भी तुम्हारे ऊपर किसी तरह की मुसीबत आएगी मैं तुम्हारी जरुर सहायता करूँगा.

Story in Hindi Moral

चूहे की इस बात पर शेर को बहुत हंसी आती है और उसे वह आजाद कर देता है कुछ दिनों के बाद जंगल में शिकारी आते है और शेर को पकड़ने के लिए जाल बिछा देते है और चले जाते है शेर उस जाल से होकर गुजरता है और उस जाल में फस जाता है.

शेर जाल से निकलने की बहुत कोशिश करता है किन्तु अपने आप को वह उस जाल से आज़ाद नहीं करा पाता है तभी वहां पर चूहा आता है शेर को जाल में फंसा देखकर वह तुरंत शेर के पास आता है और अपने नुकीले दांतों से जाल को काट देता है जिससे शेर आजाद हो जाता है और दोनों ख़ुशी ख़ुशी जंगल में चले जाते है.

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मूर्ख गधा की कहानी : Story in Hindi Moral

एक समय की बात है एक गांव एक व्यापारी रहता था चुकी वह एक व्यापारी था इसलिए उसके पास अपने काम काज के लिए एक गधा रखा था जिससे वह जब भी अपने व्यापार के सिलसिले में बाजार में जाता वह अपने गधे को भी साथ में लेकर जाता था यह सोचकर यदि कोई कोई वस्तु पसंद आए तो मैं उसको अपने इस गधे पर लाद कर ले जा सकता हूं.

जिससे गधे को बहुत काम करना पड़ता था लेकिन वह क्या करता वह गधा कैसे भी करके अपने काम को पूरा करता था एक दिन व्यापारी को काम के सिलसिले में गांव से बाहर जाना था क्योंकि उसको नमक का एक बहुत बड़ा काम मिला था उसको नमक बहुचने के लिए दूसरे गांव जाना था सुबह का समय है.

व्यापारी दूसरे गांव जाने के लिए तैयार होता है और साथ में नमक की दो बोरियों को भी भरकर गधे की पीठ पर लाद देता है अब दोनो दूसरे गांव के लिए चल देते है किंतु वहा तक पहुंचने के लिए उनको नदी को पार करना पड़ता है जो गांव के बीचों बीच में स्थित है गधा बहुत ही मुश्किल से इस नदी को पार करके दुसरे ओर जा पाता है यह सिलसिला कई दिनों तक चलता रहा, एक दिन जब गधा नमक से भरी बोरी को अपने पीठ पर लेकर नदी को पार करता है.

तो उसका पैर फिसल जाता है और और वह गधा नदी में गिर जाता है और काफी कोसिस करके के बाद भी वह गधा नही उठ पता है किसी तरह कई कोशिशों के बाद गधा नदी में उठ खड़ा होता है और नदी को पार करता है वह महसूस करता है की उसके पीठ का बोझ पहले मुकाबले कुछ भी नही है जब मालिक देखता है की और बहुत ही दुखी होता है क्योंकि बोरी का पूरा नमक पानी में घुल कर बह चुका था.

इधर गधा सोचता है यह तो एक जादुई नदी है जिसने मेरे ऊपर के बोझ को बिलकुल ही कम कर दिया, यह बात सोचकर गधा बहुत खुश होता है नमक तो नदी में पूरा बह चुका था इसलिए मालिक बाजार नही जाता है वापस घर की ओर मुड़ जाता है गधा फिर और भी ज्यादा खुश होता है और यह प्रक्रिया अब गधा बार बार दोहराने लगता है इस तरह से वह अपना बोझ कम करने लगा.

यह घटना लगातार होने के कारण गधे के मालिक को शक होने लगा, गधे के मालिक ने एक दिन गधे के ऊपर रुई के गठ्ठर को लाद दिया, गधे को तो अब आदत हो चुकी थी नदी में जानबूझ कर गिरने की उस दिन भी वह नदी में पैर फिसलने के बहाने गिर गया, काफी देर गधा पानी में बैठे होने के कारण रूई में पूरी तरह से पानी भर जाता है और जब गधा उठता है तो वह बहुत वजन होने के कारण उठ नही पाता है किसी तरह से बार बार प्रयास करने के बाद गधा उठता है और इस भरी बोझ के साथ बाजार में जाता है.

अब गधे को लगाने लगा की इस नदी में जरूर कोई साक्षश आ गया है जो मेरे नदी में गिरने पर मेरी पीठ पर बैठ जाता है उस दिन से गधा जब भी बाजार या गांव की ओर जाता तो नदी में भूल कर भी नही गिरता.

सिख

कौवे की गिनती : Story in Hindi Moral

एक समय की बात है जब अकबर अपने दरबार में बैठे थे और उन्होंने वहा पर बैठे सभी सम्मान जनक लोगो से एक सवाल पूछा जिससे सभी में एक बेचनी का माहौल बन गया, क्योकि उसका जवाब वहां पर बैठे किसी के पास में नहीं था

इतने में बीरबल दरबार में आते है और सब में इस ब्याकुलता की वजह पूछते है तभी राजा कहते है की बीरबल एक सवाल है और मुझे पूरा सिश्वास है की तुम उसका सही जवाब जरुर दे पायोगे, बीरबल तो ठहरे बुद्धिमान, उन्होंने कहाँ जी महाराज बिलकुल आप पूछिये, तो राजा ने सवाल पूछा.

Story in Hindi Moral

बीरबल ये बताओ की हमारे राज्य में “कुल कितने कौवे है” तो वीरबल जी ने कहा की ये बहुत ही आसान सा सवाल है यही कुछ इक्कीस हजार कौए की संख्या है राजा ने कहाँ की बीरवल तुम इतने यकीन के साथ यह बात कैसे कह सकते हो, तब बीरवल जी ने कहाँ की आप अपने आदमियों से राज्य के पुरे कौओ की गिनती करवाए,

यदि कौओ की संख्या इक्कीस हजार से ज्यादा होती है तो हमारे राज्य में दुसरे राज्य के कौए रिश्तेदारी में आये होंगे यदि इससे कम संख्या मिलती है तो हमारे राज्य से कुछ कौए दुसरे राज्य में अपने रिश्तेदार के यहाँ गए होंगे, यह जवाब सुनकर अकबर ने कहाँ मान गए वीरबल जी आपको आपकी बुद्धि का कोई जवाब नहीं.

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लालची आदमी की कहानी : Story in Hindi Moral

एक गॉव में एक आदमी रहता था वह बहुत ही ज्यादा लालची था ऐसा नही था की वह गरीब था उसके पास बहुत से पैसे थे किन्तु वह फिर भी और पैसो की इच्छा हमेशा रखता था एक दिन वह कुछ काम के लिए जंगल के रास्ते शहर जा रहा था तभी उसको एक परी दिखाई देती है उसके फंख एक बड़े से जाल में फंसे हुए थे.

वह देखकर वह उस परी के पास जाता है और उसकी मदद करता है तब परी खुश होकर उसको एक वरदान की इच्छा प्रकट करने के लिए बोलती है तब उस लालची आदमी के मन में लालच जाग उठती है तब उस परी से बोलता है की मैं जिस भी जीच को छुऊ वह सोने में परिवर्तित हो जाये.

परी ने कहाँ ठीक है ऐसा ही होगा, तब वह आदमी बहुत ही खुश हो जाता है वह वहां पर पड़ी एक लकड़ी को छूता है तो वह तुरंत सोने में बदल जाती है यह देखकर उसकी ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहता है वह भागता भागता अपने घर जाता है और वहा पर उसकी छोटी बेटी आपने पापा को आती देखती है तो वह ख़ुशी के मारे दौड़ते हुए अपने पापा के गोद में जाकर बैठ जाती है.

वह तुरंत सोने में बदल जाती है यह देखकर उस लालची आदमी को अपनी हरकत पर बहुत अफ़सोस होता है और फिर बहुत कोशिश के बाद भी वह अपनी बेटी को पहले जैसा नहीं कर पाता है और वह खुद भी मर जाता है क्योकि वह कुछ खा भी नहीं सकता है वह जैसे ही खाने को खाने के लिए छूता वह तुरंत सोने में बदल जाता है.

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अकबर बीरबल की खिचड़ी,, Story in Hindi Moral

एक समय की बात है जब राजा अकबर ने अपने राज्य में यह घोषणा करवाई, सुनो…सुनो….सुनो इस शर्दी के मौसम में राजा के महल के पूल में जो पूरी रात बिता देगा उसको राजा पुरस्कृत करेंगे, जिसमे से राजा की यह शर्त राज्य का एक आदमी मान लेता है और वह दुसरे दिन राजा के दरबार में पहुच जाता है और राजा अकबर से बोलता है की आपकी इस शर्त को मैं पूरा करने क लिए तैयार हूँ.

वह उस कड़ाके की ठण्ड में वह पूरी रात उस तलब में रहता है दुसरे दिन उसको राजा के सैनिक राजा अकबर जी के पास लेकर जाते है तब राजा उस आदमी से पूछते है की तुमने इतनी ठण्ड में कैसे उस पानी में अपनी पूरी रात को गुजारी, तो उसने कहाँ राजा साहब आपने महल के सबसे उपरी छोर पर एक दिया पूरी रात जल रहा था उस दियें को देखकर ही मैं पूरी रात मैं उस पानी में रहा .

तब राजा अकबर बोलते है वो.. यानी की तुमने उस दिए की ज्वाला से अपने आप को गर्मी दी, तब तुम अब किसी भी प्रकार के इनाम के हकदार नहीं हो, इस बात पर वहा पर उपस्थित राजा बीरबल को राजा अकबर के इस न्याय से बहुत दुःख हुआ.

दुसरे दिन जब शिकार खेलने के लिए वह बीरबल को बुलाते है तब बीरबल बोलते है महाराज थोडा समय बस मेरी खिचड़ी तैयार हो जाए तो मैं खा कर आभी आता हु, काफी समय होने के बाद भी बीरबल नहीं आते है तब राजा अकबर खुद बीरबल के पास जाते है की वह कर क्या रहे है इतनी देर क्यों लगा रहे है.

वहा पर जाने के बाद राजा अकबर देखते है की बीरबल एक पेड़ के नीचे आग को जलाये हुए है और पेड़ की उपरी शाखा पर एक हांड़ी में खिचड़ी को रखे है यह देखर राजा को बहुत गुस्सा आता है वहा बीरबल यह क्या बेकुफियत है ऐसा करने से तुम्हारी खिचड़ी आज क्या कभी भी नहीं पकेगी, इस बात पर बीरबल जी बोलते है.

क्यों नहीं पकेगी राजा साहब जब महल की चोटी पर स्थित एक छोटे से दिए से एक आदमी को गर्मी मिल सकती है तो उसकी अपेक्षा इस हांड़ी की उचाई बहुत कम है तब राजा अकबर को अपनी गलती का अहसास होता है और उस आदमी को बुलाकर घोषित किये गए इनाम को देते है.

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छोटे बच्चों को कहानी कैसे सुनते है?

सबसे पहले हमको यह जानना होगा की बच्चो को कहानियों की जरुरत कब पड़ती है बहुत ही आसान सा सवाल है जब बच्चा रोता है या उसके मनोरंजन के लिए, सबसे पहले आपको किसी तरह से बच्चे को शांत करना होगा, फिर आप हमारे इस ब्लॉग पोस्ट में दी गई कहानी को पढ़कर अपने बच्चे को सुना सकते है और हमें विश्वास है की यह कहानी बच्चे को जरुर पसंद आएगी.

क्या आपको Short Stories in Hindi पढ़ना पसंद है?

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हमको Short Stories in Hindi क्यों पढनी चाहिए?

Short Stories in Hindi प्रेणनादायक कहानियों से हमें बहुत कुछ सिखाने को मिलता है जो हमारे असल जीवन में बहुत काम आती है.

क्या मुझे यहाँ पर Short Motivational Stories in Hindi पढ़ने को मिलेगी?

वैसे तो हमने Short Motivational Stories in Hindi को इसी पोस्ट में कवर किया है इसके आलावा कुछ और भी कहानियों के लिंक को हम इस पोस्ट के नीचे दे देंगे आपको यह पढ़कर बहुत मोटिवेशन मिलेगा.

इस कहानी को भी पढ़े….

आज अपने क्या सिखा

आपको यह लेख Short Stories in Hindi with Moral for Kids आपको कैसा लगा, मैं उम्मीद करता हूँ की आप लोगो को यह लेख जरुर पसंद आया होगा, मैंने अपनी तरफ से अच्छी कहानी हिंदी में , इस Post में कोई गलती रह गयी है.या फिर आर्टिकल पूरा नही है.

आप नीचे Comment Box में Comments करके हमें सूचित कर सकते है और हम इस आर्टिकल को सुधारने की पूरी कोशिश करेंगे, अंत में इसके साथ ही आपसे मेरी गुजारिश है की यदि यह पोस्ट आपके लिए मददगार सावित हुआ होगा तो इसको अपने दोस्तों, रिश्तेदारों साथ झासा जरुर करें, यहाँ तक पोस्ट पढ़ने के लिए आपका दिल से आभार.

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