Short Moral Stories For Teachers and students in Hindi

by Hindraj Kumar
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Short Moral Stories For Student in Hindi “बचपन” जो की मेरे हिसाब से सबका बहुत ही अच्छा होता है क्योंकि बचपन से कई सारी खट्टी मीठी यादें जुड़ीं हुईं होती है जिनमे से स्कूल की यादें हमको हमेशा याद रहती है जैसे हमारे स्कूल के दोस्त, हमारे टीचर, और कभी अपने दोस्तों के साथ लड़ना और कभी उन्ही के लिए रोना, स्कूल में सरारत करना, खडूस टीचर की क्लास को मिस करना और भी कई सारी यादें होती है जो की हमारे मष्तिक में हमेशा ही छपी हुयी होती है जिनमे से टीचर का काफी ज्यादा योगदान रहता है जिनमे से कुछ टीचर जो की हमारे पसिंदिदा होते है और कुछ जो हमको पसंद नहीं होते है.

क्योंकि हमारे जवाने में कुछ ऐसे भी टीचर हुआ करते थे जो जो बिना किसी गलती के ही हमको बिना किसी साबुन तेल के धो देते थे, (मैं किसी टीचर की बुराई नहीं कर रहा हूँ) किन्तु हमारे समय में ऐसे ही टीचर थे लेकिन इसके साथ ही कुछ ऐसे भी टीचर थे जो बहुत ही अच्छे थे और बच्चो को बहुत ही अच्छे से पढ़ाते थे आज कुछ इसी तरह की कहानी short moral story in Teachers in Hindi मैं आप लोगो के लिए लेकर आया हूँ तो आईये कहानी को आगे बढ़ाते है.

Student and Teacher – Best Short Moral Stories For Teachers in Hindi

एक प्राथमिक स्कूल मे अंजलि नाम की एक शिक्षिका थीं वह कक्षा 5 की क्लास टीचर थी, उसकी एक आदत थी कि वह कक्षा मे आते ही हमेशा “LOVE YOU ALL” बोला करतीं थी.मगर वह जानती थीं कि वह सच नहीं बोल रही, वह कक्षा के सभी बच्चों से एक जैसा प्यार नहीं करती थीं कक्षा में एक ऐसा बच्चा था जो उनको फटी आंख भी नहीं भाता था उसका नाम राजू था राजू मैली कुचेली स्थिति में स्कूल आ जाया करता है उसके बाल खराब होते, जूतों के बन्ध खुले, शर्ट के कॉलर पर मेल के निशान पढ़ाई के दौरान भी उसका ध्यान कहीं और होता था.

Short Moral Stories For Teacher in Hindi
Short Moral Stories For Teacher in Hindi

मेडम के डाँटने पर वह चौंक कर उन्हें देखता, मगर उसकी खाली खाली नज़रों से साफ पता लगता रहता.कि राजू शारीरिक रूप से कक्षा में उपस्थित होने के बावजूद भी मानसिक रूप से गायब हे यानी (प्रजेंट बाडी अफसेटं माइड) .धीरे धीरे मेडम को राजू से नफरत सी होने लगी क्लास में घुसते ही राजू मेडम की आलोचना का निशाना बनने लगता सब बुराई उदाहरण राजू के नाम पर किये जाते, बच्चे उस पर खिलखिला कर हंसते.और मेडम उसको अपमानित कर के संतोष प्राप्त करतीं, राजू ने हालांकि किसी बात का कभी कोई जवाब नहीं दिया था मेडम को वह एक बेजान पत्थर की तरह लगता जिसके अंदर आत्मा नाम की कोई चीज नहीं थी.

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प्रत्येक डांट, व्यंग्य और सजा के जवाब में वह बस अपनी भावनाओं से खाली नज़रों से उन्हें देखा करता और सिर झुका लेता मेडम को अब इससे गंभीर नफरत हो चुकी थी पहला सेमेस्टर समाप्त हो गया और प्रोग्रेस रिपोर्ट बनाने का चरण आया तो मेडम ने राजू की प्रगति रिपोर्ट में यह सब बुरी बातें लिख मारी, प्रगति रिपोर्ट माता पिता को दिखाने से पहले हेड मास्टर के पास जाया करती थी उन्होंने जब राजू की प्रोग्रेस रिपोर्ट देखी तो मेडम को बुला लिया “मेडम प्रगति रिपोर्ट में कुछ तो राजू की प्रगति भी लिखनी चाहिए आपने तो जो कुछ लिखा है.

इससे राजू के पिता इससे बिल्कुल निराश हो जाएंगे ” मेडम ने कहा “ मैं माफी माँगती हूँ, लेकिन राजू एक बिल्कुल ही अशिष्ट और निकम्मा बच्चा है मुझे नहीं लगता कि मैं उसकी प्रगति के बारे में कुछ लिख सकती हूँ “मेडम घृणित लहजे” में बोलकर वहां से उठ कर चली गई स्कूल की छुट्टी हो गई आज तो, अगले दिन हेड मास्टर ने एक विचार किया ओर उन्होंने चपरासी के हाथ मेडम की डेस्क पर राजू की पिछले वर्षों की प्रगति रिपोर्ट रखवा दी अगले दिन मेडम ने कक्षा में प्रवेश किया तो रिपोर्ट पर नजर पड़ी, पलट कर देखा तो पता लगा कि यह राजू की रिपोर्ट हैं मेडम ने सोचा कि पिछली कक्षाओं में भी राजू ने निश्चय ही यही गुल खिलाए होंगे.

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उन्होंने सोचा और कक्षा 3 की रिपोर्ट खोली रिपोर्ट में टिप्पणी पढ़कर उनकी आश्चर्य की कोई सीमा न रही जब उन्होंने देखा कि रिपोर्ट उसकी तारीफों से भरी पड़ी है “राजू जैसा बुद्धिमान बच्चा मैंने आज तक नहीं देखा” बेहद संवेदनशील बच्चा है और अपने मित्रों और शिक्षक से बेहद लगाव रखता है यह लिखा थाअंतिम सेमेस्टर में भी राजू ने प्रथम स्थान प्राप्त कर लिया है “मेडम ने अनिश्चित स्थिति में कक्षा 4 की रिपोर्ट खोली, राजू ने अपनी मां की बीमारी का बेहद प्रभाव लिया उसका ध्यान पढ़ाई से हट रहा है राजू की माँ को अंतिम चरण का कैंसर हुआ है घर पर उसका और कोई ध्यान रखनेवाला नहीं है.जिसका गहरा प्रभाव उसकी पढ़ाई पर पड़ा है.

लिखा थानिचे हेड मास्टर ने लिखा कि राजू की माँ मर चुकी है और इसके साथ ही राजू के जीवन की चमक और रौनक भी उसे बचाना होगा…इससे पहले कि बहुत देर हो जाए, यह पढ़कर मेडम के दिमाग पर भयानक बोझ हावी हो गया कांपते हाथों से उन्होंने प्रगति रिपोर्ट बंद की मेडम की आखो से आंसू एक के बाद एक गिरने लगे, मेडम ने साङी से अपने आंसू पोछेअगले दिन जब मेडम कक्षा में दाख़िल हुईं तो उन्होंने अपनी आदत के अनुसार अपना पारंपरिक वाक्यांश “आई लव यू ऑल” दोहराया, मगर वह जानती थीं कि वह आज भी झूठ बोल रही हैं क्योंकि इसी क्लास में बैठे एक उलझे बालों वाले बच्चे राजू के लिए जो प्यार वह आज अपने दिल में महसूस कर रही थीं..वह कक्षा में बैठे और किसी भी बच्चे से अधिक था.

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पढ़ाई के दौरान उन्होंने रोजाना दिनचर्या की तरह एक सवाल राजू पर दागा और हमेशा की तरह राजू ने सिर झुका लिया जब कुछ देर तक मेडम से कोई डांट फटकार और सहपाठी सहयोगियों से हंसी की आवाज उसके कानों में न पड़ी तो उसने अचंभे में सिर उठाकर मेडम की ओर देखा अप्रत्याशित उनके माथे पर आज बल न थे, वह मुस्कुरा रही थीं उन्होंने राजू को अपने पास बुलाया और उसे सवाल का जवाब बताकर जबरन दोहराने के लिए कहा, राजू तीन चार बार के आग्रह के बाद अंतत:बोल ही पड़ा, इसके जवाब देते ही मेडम ने न सिर्फ खुद खुशान्दाज़ होकर तालियाँ बजाईं बल्कि सभी बच्चो से भी बजवायी…फिर तो यह दिनचर्या बन गई, मेडम हर सवाल का जवाब अपने आप बताती और फिर उसकी खूब सराहना तारीफ करती, प्रत्येक अच्छा उदाहरण राजू के कारण दिया जाने लगा.

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धीरे-धीरे पुराना राजू सन्नाटे की कब्र फाड़ कर बाहर आ गया अब मेडम को सवाल के साथ जवाब बताने की जरूरत नहीं पड़ती वह रोज बिना त्रुटि उत्तर देकर सभी को प्रभावित करता और नये नए सवाल पूछ कर सबको हैरान भी करता उसके बाल अब कुछ हद तक सुधरे हुए होते, कपड़े भी काफी हद तक साफ होते जिन्हें शायद वह खुद धोने लगा था देखते ही देखते साल समाप्त हो गया और राजू ने दूसरा स्थान हासिल कर कक्षा 5 वी पास कर लिया यानी अब दुसरी जगह स्कूल मे दाखिले के लिए तैयार था कक्षा 5 वी के विदाई समारोह में सभी बच्चे मेडम के लिये सुंदर उपहार लेकर आए और मेडम की टेबल पर ढेर लग गया इन खूबसूरती से पैक हुए उपहारो में एक पुराने अखबार में बदतर सलीके से पैक हुआ एक उपहार भी पड़ा था.

बच्चे उसे देखकर हंस रहे थे किसी को जानने में देर न लगी कि यह उपहार राजू लाया होगा मेडम ने उपहार के इस छोटे से पहाड़ में से लपक कर राजू वाले उपहार को निकाला खोलकर देखा तो उसके अंदर एक महिलाओं द्वारा इस्तेमाल करने वाली इत्र की आधी इस्तेमाल की हुई शीशी और एक हाथ में पहनने वाला एक बड़ा सा कड़ा कंगन था जिसके ज्यादातर मोती झड़ चुके थे मिस ने चुपचाप इस इत्र को खुद पर छिड़का और हाथ में कंगन पहन लिया बच्चे यह दृश्य देखकर सब हैरान रह गए खुद राजू भी आखिर राजू से रहा न गया और मिस के पास आकर खड़ा हो गया.

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कुछ देर बाद उसने अटक अटक कर मेडम को बोला “आज आप में से मेरी माँ जैसी खुशबू आ रही है इतना सुनकर मेडम के आखो मे आसू आ गये ओर मेडम ने राजू को अपने गले से लगा लियाराजू अब दुसरी स्कूल मे जाने वाला थाराजू ने दुसरी जगह स्कूल मे दाखिले ले लिया थासमय बितने लगा दिन सप्ताह,सप्ताह महीने और महीने साल में बदलते भला कहां देर लगती है?मगर हर साल के अंत में मेडम को राजू से एक पत्र नियमित रूप से प्राप्त होता जिसमें लिखा होता कि “इस साल कई नए टीचर्स से मिला मगर आप जैसा मेडम कोई नहीं था फिर राजू की पढ़ाई समाप्त हो गया और पत्रों का सिलसिला भी सम्माप्त कई साल आगे गुज़रे और मेडम रिटायर हो गईं.

एक दिन मेडम के घर अपनी मेल में राजू का पत्र मिला जिसमें लिखा था “इस महीने के अंत में मेरी शादी है और आपके बिना शादी की बात मैं नहीं सोच सकता एक और बात .. मैं जीवन में बहुत सारे लोगों से मिल चुका हूं आप जैसा कोई नहीं है………आपका डॉक्टर राजू.पत्र मे साथ ही विमान का आने जाने का टिकट भी लिफाफे में मौजूद था मेडम खुद को हरगिज़ न रोक सकी उन्होंने अपने पति से अनुमति ली और वह राजू के शहर के लिए रवाना हो गईं शादी के दिन जब वह शादी की जगह पहुंची तो थोड़ी लेट हो चुकी थीं उन्हें लगा समारोह समाप्त हो चुका होगा.

मगर यह देखकर उनके आश्चर्य की सीमा न रही कि शहर के बड़े डॉक्टर , बिजनेसमैन और यहां तक कि वहां पर शादी कराने वाले पंडितजी भी थक गये थे कि आखिर कौन आना बाकी है…मगर राजू समारोह में शादी के मंडप के बजाय गेट की तरफ टकटकी लगाए उनके आने का इंतजार कर रहा था फिर सबने देखा कि जैसे ही एक बुड्ढी औरत ने गेट से प्रवेश किया राजू उनकी ओर लपका और उनका वह हाथ पकड़ा जिसमें उन्होंने अब तक वह कड़ा पहना हुआ था कंगन पहना हुआ था और उन्हें सीधा मंच पर ले गया.

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राजू ने माइक हाथ में पकड़ कर कुछ यूं बोला “दोस्तों आप सभी हमेशा मुझसे मेरी माँ के बारे में पूछा करते थे और मैं आप सबसे वादा किया करता था कि जल्द ही आप सबको उनसे मिलाउंगा…….. ध्यान से देखो यह यह मेरी प्यारी सी माँ दुनिया की सबसे अच्छी है यह मेरी मा यह मेरी माँ हैं -.!! प्रिय दोस्तों…. इस सुंदर कहानी को सिर्फ शिक्षक और शिष्य के रिश्ते के कारण ही मत सोचिएगा, अपने आसपास देखें, राजू जैसे कई फूल मुरझा रहे हैं जिन्हें आप का जरा सा ध्यान, प्यार और स्नेह नया जीवन दे सकता है…… समाप्त//

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Short Story on Importance Of Teacher in Student Life in Hindi

Short Moral Stories For Student in Hindi//// यह कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है बात है कुछ 2006 की, और यह कहानी है मेरे एक दोस्त जिसका नाम मोहन था वह बहुत ही भोला लड़का था ऐसा नहीं की वह बचपन से ही ऐसा था पहले वह एक चंचल स्वभाव का लड़का हुआ करता था किन्तु कुछ ऐसी परिस्थितियां होने के कारण उसकी माँ उसको लेकर अपने मईके गॉव में चली आई, और यही से मेरे दोस्त यानी मोहन की हंसी उसके चेहरें से मानों जैसे कोसो दूर चली गई है और उस समय उसकी उम्र करीबन 9-10 साल की रही होगी, क्योकि पहले जैसे उसके ननिहाल के लोग उसको प्यार करते थे अब मानों उनका मन मोहन से भर चूका था.

Short Moral Stories For Student and Teacher in Hindi
Short Moral Stories For Student in Hindi

मोहन उस समय एक छोटा सा बच्चा ही था किन्तु वह सब कुछ समझता था उसकी माँ उसके भाई और उसकी बहन को किसी तरह की तकलीफ न हो इसके लिए वह सारा काम करता था और जब वह काम करने लगा तो ऐसे में धीरे-धीरे उसको खेत में भी काम करना पड़ता था उसका स्वभाव ऐसा था की यदि उसको तकलीफ भी होती न तो वह उस काम को हंसी से पूरा करता, किसी को पता नहीं होने देता की उसको किसी तरह का दुःख है लेकिन जब यह दुःख हद से अधिक बढ़ जाता तो वह सबसे अपनी नज़रो को छुपा कर किसी कोने में रो लिया करता था और वह बस यदि सोचता था की उसके साथ आखिर ऐसे क्यों हो रहा है उसने ऐसी क्या गलती कर दी है.

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आप समझ सकते हो एक 9 साल का लड़का मजदूरों के जैसे पुरे के पुरे दिन खेतो में लगा रहता है, जब वहा से वह छुटता तो उसकी काम घर के जानवर जैसे गाय को चारा खिलने के लिए दुपहर के समय ही लेजाया करता है किन्तु अब उसको अपने इस काम से किसी भी तरह की कोई नाराजगी नहीं थी क्योंकि उसको आदत सी हो चुकी थी उस गॉव के पास में ही एक स्कूल था वह वहा पर पढ़ा करता था स्कूल में वह टीचर के डर के मारे क्लास में सबसे पीछे की ओर बैठा करता था ऐसा नही है की वह पढ़ने में कमजोर था किन्तु टीचर की मार को देखकर वह पीछे ही रहता था.

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ऐसी ही जीवन चलता था और वह अब 10 क्लास में आ चूका था किन्तु आज भी स्कूल के अध्यापक वैसे ही थे वह वैसे बच्चो को पढ़ना पसंद करते थे जो पहले से ही पढ़ने में तेज होते थे और कमजोर बच्चो को उनसे किसी भी तरह का कोई मतलब नहीं था (मैं आपको बता दू की एक असली टीचर वही होता है जो कमजोर बच्चो को भी ऐसा बना दे की उस बच्चे की भी गिनती तेज बच्चो की लिस्ट में आ जाये) लेकिन वहा के सारे टीचर होनहार बच्चो को पढ़ना और कमजोर बच्चो को पीटना बेहद पसंद करते थे उनको ऐसा लगता था की ऐसा करने से ही स्कूल में वह सबसे अच्छे टीचर की लिस्ट में आ सकते है.

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अब यहाँ से मोहन के जीवन में परिवर्तन आता है जब उसके क्लास में एक शिक्षिका का आगमन होता है उनका स्वभाव बहुत ही सरल था वह हर बच्चो को काफी अच्छे से पढाया करती थी तब मोहन ने देखा की आज तक जितने भी टीचर आये वह इनके जैसे सरल स्वभाव के नहीं थे मनो जैसे खुद क्लास रूम से पढाई की देवी का आगमन हुआ है अब मोहन धीरे-धीरे आगे की बैंच पर बैठने लगा, और चुकी वह मैडम बहुत ही सरल स्वभाव की थी जिसके वजह से क्लास के कुछ बच्चे शोर शराबे में लगे रहते थे किन्तु तब भी वह बहुत ही प्यार से उनको शांत कराती थी मोहन,.. जो लड़का स्कूल में बोलने से डरता था वह अब सबके आगे जाकर पढ़ता था.

परिणाम एक से दो महीने के बाद वह अपने क्लास में टॉप बच्चो की लिस्ट में सामिल हो चूका था वह और भी अच्छे से पढ़ना चाहता था किन्तु उसके पास इतने पैसे नहीं थे की वह अन्य बच्चो की तरह किसी कोचिंग क्लास को ज्वाइन कर सके किन्तु वह उस टीचर की मदद से काफी कुछ सिख चूका था……

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है की एक टीचर का फर्ज होता है की वह सभी बच्चो को पढाये, वो बोलते है न की कोई बच्चा कमजोर नहीं होता है उसको बनाया जाता था किन्तु एक अच्छा टीचर ही एक कमजोर बच्चे को एक होनहार बच्चे में बदलता है शायद इसी लिए भगवान से पहले गुरु को स्थान दिया गया है मान लीजिये जब स्कूल में सारे बच्चे पढ़ने में तेज हो तो स्कूल में टीचर का क्या काम टीचर का काम होता है की वह एक कमजोर बच्चे को ऐसे गाइड करे की वह एक तेज बच्चा बन सके……….समाप्त//

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निष्कर्ष…

तो दोस्तों आपको यह आर्टिकल Short Moral Stories For Teacher in Hindi आपको कैसा लगा, मैं उम्मीद करता हूँ की आप लोगो को यह लेख जरुर पसंद आया होगा, मैंने अपनी तरफ से Short Moral Stories For Student in Hindi , इस Post में कोई गलती रह गयी है.या फिर आर्टिकल पूरा नही है.

आप नीचे Comment Box में Comments करके हमें सूचित कर सकते है और हम इस आर्टिकल को सुधारने की पूरी कोशिश करेंगे, अंत में इसके साथ ही आपसे मेरी गुजारीष है की यदि यह पोस्ट आपके लिए मददगार सवित हुआ होगा तो इसको अपने दोस्तों, के साथ झासा जरुर करें, यहाँ तक पोस्ट पढ़ने के लिए आपका दिल से आभार.

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