पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी कितनी है

by Hindraj Kumar
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क्या आपको पता है की पृथ्वी से चंद्रमा की कितनी दूरी है, ऐसे बहुत से सवाल है जो की हर किसी के मन में आते रहते है जब हम रात को सोते है तो बहुत से तारों को आकाश में टिमटिमाते हुए देखते है ऐसा लगता है की किसी ने पूरे आसमान में तारों को बिखेर दिया है इसके साथ ही Galaxy में ऐसी बहुत से आकासीय पिंड और ग्रह है जिनको हम पृथ्वी से नहीं देख सकते है किन्तु चंद्रमा की ऐसा ऐसा ग्रह है जिसको हम पृथ्वी से भी साफ-साफ सेख सकते है क्योकि पुरे सौर मंडल में पृथ्वी चंद्रमा के सबसे नजदीकी ग्रह है यही कारण है की इसको हम नीचे से देख सकते है किन्तु Prithavi se chandrama ki duri को हम नहीं जाँच सकते है तो आईये हम आपको इस पोस्ट के जरिये बताते है की चंद्रमा से पृथ्वी की दुरी कितनी है?

पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी कितनी है

चंद्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है पृथ्वी के व्यास के लगभग एक-चौथाई पर, यह सौर मंडल का पांचवां सबसे बड़ा उपग्रह है, जो अपने प्रमुख ग्रह के सापेक्ष सौर मंडल का सबसे बड़ा उपग्रह है, और किसी भी ज्ञात बौने ग्रह से बड़ा है इसके साथ ही पृथ्वी चंद्रमा के सबसे समिपीय उपग्रह होने के कारण पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी 3,84,400 km है यह चंद्रमा के सबसे नजदीकिय उपग्रह है यदि पृथ्वी चंद्रमा के समिपीय ग्रह में शामिल नहीं होता तो आप अंदाजा लगा सकते है की तब इसके बिच की दूरी कितनी होती है फिलहाल Earth और Moon की दूरी हर समय एक सामान नहीं रहती है क्योंकि चंद्रमा अपनी कक्षा से दीर्घ वृत्ताकार (elliptical) में है इसका मतलब चंद्रमा पृथ्वी से लगभग 5 डिग्री झुका तक झुका हुआ है जिसके कारण इन दोनों के बिच की दूरी हर समय एक सामान नहीं रहती है.

और लीप वर्ष के समय इन दोनों के बिच की दूरी में काफी अन्तराल देखने को मिलता है अधिकतम चंद्रमा और पृथ्वी की दूरी 75 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से बदलती रहती है जिसके कारण यह दोनों ग्रह अधिकतम 4,05,696 कि.मी. और न्यूनतम 3,63,105 कि.मी. की दूरी बनाये रखते है जब चंद्रमा पृथ्वी की परिक्रमा करता है तो उसका कुल समय 27 दिन, 7 घंटे और 43 मिनट का हैं चुकी चंद्रमा अपनी समकालिक कक्षा में रहकर ही धुरी पर घूर्णन करता है जिसके कारण यह चंद्रमा का एक हिस्सा ही पृथ्वी की ओर रहता है और दूसरा हिस्सा पृथ्वी को ओर नहीं आता है चंद्रमा की ऐसी विशेष गति के कारण ही मनुष्य चंद्रमा का दूसरा हिस्सा नहीं देख सकता है चंद्रमा के दुसरे हिस्से की पहली तस्वीर सोवियत संघ के अंतरिक्ष-यान ‘लूना 3’ ने पहली बार 7 अक्टूबर, 1959 को धरती पर नहीं भेजी थी.

पहली बार पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी कैसे मापी गई थी

जैसा की इतिहास में इस बात को बताया है की पृथ्वी आज से कई साल पहले एक बड़ा आग के गोले के सामान थी जिसमे से धधकते हुए लावे निकलते थे उस समय पृथ्वी पर जीवन का नाम निशान भी नहीं था क्योंकि हमारी पृथ्वी एक आग के गोले के सामान तप रही थी लेकिन इस पृथ्वी पर हजारो साल तक भरी वर्षा होने के कारण धीरे-धीरे पृथ्वी ठंडी होती गई, और फिर इस पृथ्वी पर पहली बार पानी के माध्यम से जीवन की उतपत्ती हुयी, फिर मानव जीवन का विकास हुआ, उस समय मानव के पास उतनी तर्क शक्ति नहीं थी की वह पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी के बारे में सोच भी सके.

लेकिन धीरे-धीरे देश विकसित हुआ और फिर पहली बार वर्ष 1958 में इंग्लैंड के Royal Radar Establishment अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिकों द्वारा रडार सिग्नल का उपयोग करके पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी मापी गई थी रॉयल रडार प्रतिष्ठान यूनाइटेड किंगडम में माल्वर्न, वोरस्टरशायर में एक शोध केंद्र था यह 1953 में वायु मंत्रालय के दूरसंचार अनुसंधान प्रतिष्ठान और ब्रिटिश सेना के रडार अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान के विलय से रडार अनुसंधान प्रतिष्ठान के रूप में स्थापित किया गया था.

इनके द्वारा बनाए गए तीव्र क्षमता वाले रॉयल रडार की मदद से पृथ्वी चंद्रमा की दूरी को मापना संभव हुआ, इसका उपयोग इनके द्वारा कुछ इस प्रकार से किया गया रेडियो सिग्नलस की मदद से तीव्र रडार को चंद्रमा की ओर प्रेषित किया और जब यह चंद्रमा के पास गया और उससे रेडियो सिग्नलस टकराकर पुनः पृथ्वी पर आया, और उस समय जब इसकी बीच की दूरी को मापी गई तो वह 384402 ±1.2 कि.मी. थी यह उस समय चंद्र दूरी का सबसे सटीक माप पैमाना बताया गया था.

चंद्रमा का जन्म कैसे हुआ था

चंद्रमा का जन्म Giant-impact hypothesis के सिद्धांत पर आधारित है और इसका नाम Big Splash या Theia Impact रखा गया, इस सिद्धांत के अनुसार लगभग 4.5 अरब वर्ष पूर्व धरती की टक्कर सौरमंडल में घूम रहे एक ‘थिया’ नामक ग्रह से हुयी, और इस पिंड के कई सारे छोटे-छोटे टुकडे में बट गया, पृथ्वी और इनके बिच चुम्बकत्व आकर्षण होने के कारण यह टुकडे पृथ्वी के चारो ओर चक्कर लगाने लगे, ऐसी ही कई साल बित गए, अधिक चुम्बकत्व बल होने के कारण यह टुकडे धीरे-धीरे एक दूसरे में विलय हो गए, जिसको आज चंद्रमा के नाम से जाना जाता है इस प्रकार से चंद्रमा का जन्म हुआ.

चंद्रमा से पृथ्वी की दूरी
chrandrama se prithavi ki kitani duri hai

पृथ्वी से चाँद पर जाने में कितना समय लगता है

पृथ्वी से चाँद पर जाने में कितना समय लगता है इस बात की सही गणना यान के द्वारा की जा सकती है की आप चाँद पर जाने के लिए कौन से यान का उपयोग कर रहे है यदि आप रॉकेट Atlas V का इस्तेमाल चाँद पर जाने के लिए करते है तो यह आपको 8 घंटे 35 मिनट में चंद्रमा पर पहुंचाने में सक्षम है और यह अब तक चाँद पर लेके जाने में सबसे तेज रॉकेट में गिना जाता है इसका उपयोग पहली बार 2006 में 2006 में बौने ग्रह प्लूटो के लिए किया गया था.

सूर्य से चंद्रमा की दूरी कितनी है

चंद्रमा 3,50,000 कि.मी. से लेकर 3,80,000 कि.मी. के बीच पृथ्वी से दूर स्थित होकर अंडाकार कक्षा में पृथ्वी के चारों ओर घूमता है ठीक इसी कक्ष में पृथ्वी भी सूर्य के चारो ओर परिक्रमा करती है इस गणना के अनुसार पृथ्वी और चंद्रमा सूर्य से लगभग 15 करोड़ कि.मी. दूर हैं.

पृथ्वी की तुलना में चंद्रमा कितना बड़ा है

जैसा की हमने ऊपर जाना है की चंद्रमा हमारे सौर मंडल का 5वा सबसे बड़ा उपग्रह के रूप में जाना जाता है इसका यह मतलब नहीं है की यह हमारी पृथ्वी से बड़ा है किन्तु जब हम इसको धरती से ऊपर की तरफ देखते है तो सौरमंडल में उपस्थित अन्य ग्रह की अपेक्षा यह चाँद ही हमको दिखाई देता है इसका कारण यह की चंद्रमा पृथ्वी के सबसे सबसे करीबी उपग्रह है जिसके कारण इसको हम पृथ्वी से भी देख सकते है चंद्रमा के आकार पर अंतरिक्ष एजेंसी नासा का कहना है कि – “यदि पृथ्वी एक निकल धातु के आकार की होती, तो चंद्रमा कॉफी की एक बीन जितना बड़ा होता।” नीचे दिए गए चित्र में आप चंद्रमा का क्षेत्रफल , व्यास आयतन देख सकते है.

chandrama se prithavi ki duri kitani hai
prithavi se chandrama ki kitani duri hai

Supermoon क्या है

आपने Supermoon का नाम तो सुना ही होगा, सुपर मून कोई अलग मून या चाँद नहीं है यह वही चाँद है जिसको हम रोजाना देखते है और इसी को SuperMonn के नाम से जाना जाता है यह तब होता है जब चाँद पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है और उस समय पृथ्वी से चाँद की दूरी करीब 3,60,000 कि.मी. से भी कम होती है जब ऐसा होता है तो चाँद अन्य दिनों की तुलना में 14% ज्यादा बड़ा और 30% ज्यादा चमकीला दिखाई पड़ता है और इसी घटना को खगोलीय घटना को ‘पेरिजी-सिजगी’ (Perigee-syzygy) भी कहा जाता है अभी हाल ही में supermoon 28 मार्च, 2021 को हुआ था.

चंद्रमा की सतह पर उतरने वाले पहले अंतरिक्ष-यान का क्या नाम था

चंद्रमा की सतह पर सबसे पहले उतरने वाला अंतरिक्ष यान ‘लूना 2’ था जिसको सोवियत संग के द्वारा 12 सितंबर, 1959 को उड़ान के लिए रवाना किया गया था जो 13 सितंबर, 1959 को चंद्रमा की सतह पर उतरा, यह मानव के द्वारा बनाया गया पहना अंतरिक्षयान था जिसने सबसे पहले चंद्रमा की सतह को छुवा था.

चंद्रमा से पृथ्वी की दूरी
chandrama se prithavi ki doori

चंद्रमा के सबसे बड़े इम्पैक्ट क्रेटर का नाम क्या है

दक्षिण धुव्र-ऐटकेन घाटी (South pole-Aitken basin) चंद्रमा के सबसे बड़े इम्पैक्ट क्रेटर के नाम के रूप में जाना जाता है इसको हम अपनी पृथ्वी से नहीं देख सकते है इसका व्यास लगभग 2,500 कि.मी. तथा गहराई लगभग 8 कि.मी. हैंआपको बता दे की यह चंद्रमा का ही नहीं बल्कि पूरे सौरमंडल का भी सबसे विशाल इम्पैक्ट क्रेटर है जिसका निर्माण लगभग 3.9 अरब वर्ष पहले विशालकाय उल्का पिंडों के टकराने से हुआ था चंद्रमा की सतह पर मौजूद सभी क्रेटरों में सबसे बड़ा, सबसे पुराना और सबसे गहरा क्रेटर है.

चंद्रमा के जिस क्षेत्र में मनुष्य ने पहली बार कदम रखा था, उस क्षेत्र का नाम क्या है

चंद्रमा पर सबसे पहले अमेरिका के द्वारा बनाया गया Apollo 11 की टीम के सदस्य Neil Armstrong ( नील आर्मस्ट्रांग )से अपना पहला कदम रखा था उस समय अपोलो ११ की टीम चाँद के ऐसी सतह पर उतरी थी जहाँ पर जहाँ पर गहरे काले धब्बे देखे गए इसके साथ ही उनको चाँद पर पानी भी नहीं मिला सिवा इन काले गहरे धब्बो के अलावा जिसके कारण Apollo 11 की टीम चाँद का ऐसा दृश्य देखने के कारण चाँद के इस जगह का नाम The Sea of Tranquillity रख दिया.

चंद्रमा से पृथ्वी की दूरी कितनी है
chand se dharti ki doori

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निष्कर्ष…

तो दोस्तों आपको पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी कितनी है, मैं उम्मीद करता हूँ की आप लोगो को यह लेख जरुर पसंद आया होगा, मैंने अपनी तरफ से Prithavi se chandrama ki kitani doori hai, इस Post में कोई गलती रह गयी है.या फिर आर्टिकल पूरा नही है आप नीचे Comment Box में Comments करके हमें सूचित कर सकते है और हम इस आर्टिकल को सुधारने की पूरी कोशिश करेंगे, अंत में इसके साथ ही आपसे मेरी गुजारीष है की यदि यह पोस्ट आपके लिए मददगार सवित हुआ होगा तो इसको अपने दोस्तों, के साथ झासा जरुर करें, यहाँ तक पोस्ट पढ़ने के लिए आपका दिल से आभार.

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