ISKCON Full Form – इस्कॉन क्या है, और इसकी स्थापना किसने की?

by Hindraj Kumar
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अगर आप एक हिंदू है तो आपने इस्कॉन (Iskcon) नाम जरूर सुना होगा, आज कल यह बहुत ही ज्यादा चर्चा में है ऐसा नहीं है की यह पहले नही था पहले भी था किंतु लोगो को इसके बारे में पहले अधिक मालूम नही था कारण है की उस समय सारी चीजे ऑनलाइन नही आई थी।

और आज के समय सब कुछ ऑनलाइन हो चुका है, इसलिए जो लोग धर्म से जुड़े है या धर्म को मानते है उन्होंने इस्कॉन का नाम अपने फोन के जरिए जरूर सुना होगा, अक्सर यह लोग श्री मद भागवत गीता, धार्मिक पुस्तक का प्रसार प्रचार करते हुए सुना या देखा होगा।

किंतु लोग इसके बारे में पूरी तरह से नही जानते है तो इसलिए आज का विषय हमारा इस्कॉन पर है जिसमे हम इसके हर एक पहलू को कवर करेंगे, जैसे ISKCON Full Form, इस्कॉन की स्थापना कब और किसने की, Iskcon meaning in Hindi और भी बहुत कुछ तो आइए बढ़ते है और जानते है।

Iskcon Full Form in Hindi

Full Form of Iskcon, International Society of Krishna Consciousness होता है जिसको हिंदी में अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ के नाम से जाना जाता है इसको हम हिंदू धार्मिक संस्था कह सकते है जो अंतराष्ट्रीय स्तर पर हिंदू धर्म का प्रसार प्रचार करने के लिए जानी जाती है।

iskcon

इसको हरे कृष्ण आंदोलन के नाम से भी जाना जाता है इसके प्रचार में श्री मद भागवत गीता सर्वश्रेष्ठ है यह लोग हमेशा श्री कृष्ण भक्ति में लीन रहते है और समझ को एक अच्छा संदेश देते रहते है।

इस्कॉन क्या है

International Society for Krishna Consciousness (ISKCON) यह एक आध्यात्मिक संगठन है जिसको हरे कृष्ण आंदोलन के नाम से भी जाना जाता है जिसमे भगवान श्री कृष्ण की भक्ति, उपासना, कृतन, और सनातन धर्म क्या है और इसकी ताकत कितनी अधिक है इस सब का बोध कराया जाता है जिससे भटके हुए हमारे हिंदू भाई जान सके की हिंदू धर्म से ऊपर और कोई धर्म नही है।

यह संग देश के हर एक कोने में फैला होने के साथ विदेश में भी इसके चाहने वाले अनेको की संख्या में है क्योंकि Iskcon की स्थापना ही न्यूयॉर्क में दिव्य अनुग्रह A.C. Bhaktivedanta Swami Prabhupada जी के द्वारा 1966 में की गई थी।

साथ ही इस्कॉन के द्वारा कई परियोजनाएं भी संचालित की जाती है जिनमे “फूड फॉर लाइफ”, दुनिया में एकमात्र मुफ्त शाकाहारी राहत एक विशेष परियोजना है इस कलयुग में iskcon का होना किसी अमृत से कम नहीं है क्योंकि आज के समय में हर तरफ अशांति, दुराचार और भी कई दुष्टता से भरे काम किए जा रहे है।

ऐसे में iskcon ही ऐसी सोसाइटी है जो हर एक व्यक्ति को धर्म से जोड़ने का काम करती है जिससे लोग इन भगवान श्री कृष्ण के भक्तो के साथ जुड़कर आध्यात्मिक समझ को समझ सके, और अपने जीवन को एक बेहतर जीवन में प्रवर्तित कर सके।

इस्कॉन में 400 से अधिक मंदिर, 40 ग्रामीण समुदाय और 100 से अधिक शाकाहारी भोजनालय सामिल है जो लोगो को शाकाहारी भोजन की असली ताकत से परिचित कराता है साथ ही इस सोसाइटी में शिक्षा दीक्षा का भी विशेष परियोजना है जिसमे धार्मिक वैदिक ग्रंथों, वेद का पालन किया जाता है जिसमे श्री भगवद-गीता और श्रीमद्भागवतम शामिल हैं।

एक शब्द में कहे तो यह कोई संग या संस्था नही है बल्कि ज्ञान और अमृत रूपी भक्ति की एक विशाल गंगा है जिसमे सामिल होने मात्र से ही मानव अपने सारे दुःख, कष्ट, और सांसारिक मोह माया से मुक्ति पाकर खुद को श्री कृष्ण को समर्पित कर सकता है जहां पर धर्म, वैदिक संस्कृति, धर्म, योग, भगवद्गीता, प्राचीन पुराण और भक्ति के सिद्धांतों से अवगत कराया जाता है।

इस्कॉन की स्थापना किसने की और कब

इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) की स्थापना एसी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद जी के द्वारा 1966 में की गई थी स्वामी जी के जीवनी की बात करे तो इनका जन्म 1 सितंबर 1896 को कलकत्ता में अभय चरण डे के में हुआ था स्वामी जी पहले का नाम अभय चरणारविंद था।

इन्होंने अपनी क्वालिफिकेशन 1920 में Scottish Church College, Kolkata से सपन्न की, एक समय ऐसा आया जब इनकी मुलाकात परम पूज्य भक्तिसिद्धांत सरस्वती ठाकुर से हुई, भक्तिसिद्धांत सरस्वती ठाकुर जी से इनकी धर्म के प्रति निष्ठा और आदर को देखकर इनसे वैदिक ज्ञान को अंग्रेजी माध्यम में प्रसारित करने का अनुरोध किया।

और इन्होंने भी अपना काम बहुत लगन के साथ किया, इसके बाद उन्होंने 1933 में औपचारिक रूप से दीक्षा ग्रहण की और अपने जीवन को ईश्वर, कृष्ण-प्रेम या कृष्ण-भक्ति के प्रति समर्पित कर दिया,

एसी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद जी के द्वारा भागवत गीता पर 1944 में पहली टिप्पणी लिखी गई।

इस्कॉन के सिद्धांत

इस्कॉन आध्यात्मिक संगठन अपने धार्मिक सिद्धांतो के लिए जाना जाता है इस्कॉन के कुछ प्रमुख सिद्धांत की व्याख्या नीचे की गई है।

  • आज के समय में दुनिया में बहुत दुराचार अशांति फैली हुई है इसलिए आइकॉन में समाज को अध्यात्मिक ज्ञान का प्रसार करना है और इस दुनिया में शांति और एकता को बनाए रखने के लिए लोगो को आध्यात्मिकता का बोध करना।
  • समाज के हर एक व्यक्ति को मिल जुल कर प्रेम के साथ रहना ही इस्कॉन सिखाता है।
  • जीवन में भटके हुए लोगो का इस्कॉन के द्वारा सही मार्ग दर्शन करना।
  • हर एक हिंदू भाई को अपने धर्म के प्रति सच्ची निष्ठा और प्रेम की भावना को बनाए रखना।
  • बहुत ही शर्म की बात है की कई हिंदुओ को अपने धर्म के बारे में अधूरा ज्ञान है जिसके कारण कोई भी इनको आसानी से उनके मार्ग से भटका सकता है ऐसे ही लोगो को इस्कॉन हिंदू धर्म क्या है और उसकी असली आकार क्या है इसके बारे में लोगो को अवगत कराया है।
  • समाज को इस्कॉन के द्वारा उनके जीवन में परवर्तन के लिए दुनिया के है एक कोने तक iskcon का प्रसार और पवित्र स्थान का निर्माण करना।

इस्कॉन मंदिर की सच्चाई

अगर मानव है तो अफवाएं और अफवाएं है तो प्रश्न है और प्रश्न है तो हम है जी हां आपके हर एक प्रश्नों के लिए हम है न, कई लोग आइकॉन मंदिर के सच्चाई के बारे में चर्चा करते रहते है लोगो का क्या लोग तो कुछ भी कह सकते है किंतु मैं आपको बता दूं कि यह संगठन कभीं भी किसी से कुछ भी नही मांगता है।

लोग अपनी इच्छा से ही करते है जो उनको करना होता है वैसे यह कभी भी किसी का गलत नही चाहता है और न ही कोई लोगो के बीच गलत अवधारणाएं फैलता है।

इस्कॉन के मुख्य कार्य | इस्कॉन का काम क्या है

इस्कॉन sangathanoke द्वारा किए गए अनेकों काम है जिनमे से कुछ प्रमुख्य कार्य नीचे दर्शाया है।

  • इस्कॉन का मुख्य लक्ष्य भक्ति और योग को पूरे देश में फैलाना।
  • लोगो को सही शिक्षा दीक्षा का पाठ पढ़ाना।
  • एक दूसरे को भक्ति से जोड़ना।
  • श्रीव मद भागवत गीता को भारत के हर घर मे पहुंचना।
  • लोगो को सनातन और हिंदू धर्म की ताकत से रूबरु करना।
  • iskcon भारत के आलावा अंतरराष्ट्री स्तर पर अपने धर्म और संस्कृति को श्री कृष्ण और भागवत के जरिए, सनातन संस्कृति हिंदू धर्म, संस्कृति का प्रचार प्रसार करना।

इस्कॉन का महत्व

इस्कॉन एक धार्मिक संगठन है जिनको भगवान श्री कृष्ण के लिए जाना जाता है, जहांपर श्री कृष्ण और राधा रानी की भक्ति का अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है Iskcon की महत्व की बात करे, तो यह श्री कृष्ण की भक्ति के लिए विशेष रूप से जाना जाता है।

किंतु आइकॉन के मंदिरों की महात्वता जन्माष्टमी के अवसर पर अधिक बढ़ जाती है क्योंकि इस समय मंदिर का एक अलग ही दृश्य देखने को मिलता है जो वकही में ही मन को मोहित करने वाला होता है।

FAQs of Iskcon

इस्कॉन Iskcon इतना प्रसिद्ध क्यों है?

इसकी प्रसिद्धता का मुख्य कारण इस्कॉन के द्वारा लोगो के प्रति साहित्य का वितरण और सार्वजनिक जुड़ाव, इसके साथ ही श्री मद्भागवत के जरिए लोगो को सही मार्गदर्शन करना।

इस्कॉन का मतलब क्या होता है

यह एक शॉर्ट फॉर्म है जिसका पूर्ण नाम International Society for Krishna Consciousness है और हिंदी में इसका मतलब अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ होता है।

क्या इस्कॉन का पैसा अमेरिका जाता है

ऐसे बहुत से प्रश्न है जो इस्कॉन के बारे में पूछे जाते है जिनमे यह एक सामान्य सा प्रश्न है की Iskcon का पैसा अमेरिका भेजा जाता है आपकी जानकारी के लिए बता दे की यह सब बेबुनियादी सवाल है ऐसा कुछ भी नही है।

इस्कॉन मंदिर का मालिक कौन है

एसी भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद जी के द्वारा इस्कॉन की स्थापना न्यूयार्क की गई, इसके साथ ही श्री कृष्ण की उपासना के लिए भारत में 400 से अधिक मंदिर है जो इस्कॉन का पालन करते है।

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निष्कर्ष…..

इस्कॉन धर्म क्या है हम उम्मीद करते है की इस टॉपिक से जुड़े सारे सवालों का जवाब आपको मिल गया होगा, फिर भी आपको इस टॉपिक से जुड़ा कुछ सवाल है तो आप कॉमेंट सेक्शन पूछ सकते है आपके सवाल का जवाब हम जरूर देंगे।

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