ABS Full Form in Hindi – एबीएस क्या है

by Hindraj Kumar
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Anti-lock Braking System (ABS) इस नाम को आपने कभी न कभी जरूर सुना होगा, लेकिन में यदि आप एक मैकेनिक है तो आप इसको अच्छी तरह से जानते होंगे, जी हां यह एक मशीनरी का पार्ट है जो tow whiler या vehicle के उपयोग में लाया जाता है।

abs full form

यदि आप Anti-lock Braking System के बारे में नही जानते है तो आज के इस आर्टिकल में इस प्रश्न से जुडे हर एक इंफॉर्मेशन को कवरअप करेंगे, जैसे ABS Full Form, एबीएस क्या है और भी बहुत कुछ, तो आइए अपने टॉपिक की तरफ बढ़ते है।

ABS Full Form | एबीएस का फूल फॉर्म क्या है

ABS Ke Full Form “Anti-lock Braking System” इसको हिंदी में (लॉक – रोधी ब्रेकिंग प्रणाली) “एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम” के नाम से जाना जाता है। जिसको सुरक्षा सुविधा के नाम से भी जाना जाता है इसका उपयोग पहियों में इसलिए किया जाता है की जब गाड़ी का ब्रेक लगे तो पहिया लॉक न हो।

यह एक प्रकार का कंप्यूटर सेंसर और सोलनॉइड वाल्व होता है जी वहीकल्स के व्हील में इस्तेमाल किया जाता है इसको विस्तार से आगे जानेंगे।

ABS Full Form : Anti-lock Braking System 

T – Anti-lock
B – Braking
D – System

एबीएस क्या है

“एबीएस” जिसको एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम के नाम से जाना जाता है यह वाहनों के पहियों में इस्तेमाल किए जाने वाला सोलनॉइड वाल्व होता है यह मुख्य रूप से सुरक्षा का कार्य करता है यदि बिना ABS के व्हीकल को चलाया जाए तो, दुर्घटना काफी हद तक बढ़ जाती है।

क्योंकी जब भी इसके बिना ब्रेक लगाएंगे तो पहिए लॉक हो जायेंगे, परिणाम स्वरूप एक भयानक दुर्घटना हो सकती है या वाहन पलट सकते है किंतु इसके होने से यह गाड़ी के पहिए पर ब्रेक लगाते समय पहिए को लॉक होने से बचाते है,

कई बार ऐसा होता है की ब्रेक अचानक में लगानी होती है इस स्थिति में abs में लगे कंप्यूटर सेंसर और सोलनॉइड वाल्व एबीएस कोणौचित करते है जिससे एबीएस सड़क की सतह पर प्रयाप्त पकड़ बनाए रखने के लिए प्रयाप्त ब्रेक बल जारी करता है जिससे पहिए लॉक होने से बच जाते है और वाहन का नियंत्रण बना रहता है।

एबीएस (ABS) कैसे काम करता है

abs system का फंक्शन कैसे काम करता है वह सब नीचे दर्शाया गया है

  • एबीएस में लगे सिस्टम सेंसर की मदद से पहिए की गति पर नियंत्रण रखना।
  • सेंसर ईसीयू के द्वारा डाटा भेजने के उपरांत ही एबीएस में हलचल होती है जो की व्हील लोक का प्रारंभिक संकेत है।
  • जब आपातकालीन में ब्रेक लगाना होता है तो पहिए पर गहरा दबाव न पड़े इसके लिए सेंसर वॉल का उपयोग किया जाता है।
  • इसके साथ एबीएस में लगे सेंसर पंप का भी काम करते है क्योंकि पहिए में अधिक रुकावट का आभाव न आ जाए।

उपरोक्त एबीएस के बारे में जो भी बताया गया है आप समझ गए होंगे, यदि आप नही समझे तो आइए इसको और भी सरल तरीके से उदाहरण के साथ समझते है।

एबीएस के बारे में सरल भाषा में कहे तो यह एक ऐसा उपकरण है जिसको सुरक्षा के लिए जाना जाता है मान लीजिए एक ऐसी गाड़ी है जिसमे एबीएस नहीं लगी है और इस गाड़ी का आप जब ब्रेक लगाएंगे, तो गाड़ी के पहिए एक ही बार में पूर्ण रूप से लॉक हो जायेंगे, जिससे आप एक बड़ी दुर्घटना का हिजाएंगे।

किंतु यदि गाड़ी में एबीएस ब्रेकिंग सिस्टम लगा हुआ तो जब हम ब्रेक लगाते है तो गाड़ी के पहिए लॉक नही होते है unme एका एक करके रुकावट होती है जिससे एक बड़ी दुर्घटना से बचा जा सकता है।

ABS कितने प्रकार के होते है।

abs मुख्यता 4 प्रकार के होते है जिनके बारे में नीचे बिस्तर से समझाया गया है ।

  • चार चैनल, चार सेंसर एबीएस
  • तीन चैनल, तीन सेंसर एबीएस
  • एक चैनल, एक सेंसर एबीएस

4 सेंसर एबीएस (ABS)

4 सेंसर एबीएस जो गाड़ी के चारो पहिओ में होता है जिसके कारण सुरक्षा काफी हद तक बढ़ जाती है क्योंकि जब एक गाड़ी में चार सेंसर और चार वॉल्व होते है तो सेफ्टी पहले के मुकाबले चार गुना ज्यादा बढ़ जाती है, और इसकी दूसरी खास वजह यह भी है की यह केवल उसी पहिए को पल्स करेगा, जो लॉक होने वाला होता है।

तीन सेंसर एबीएस

इस एबीएस को खास कर ट्रक और पिकअप में लगाया जाता है जिसमे से दो abs आगे वाले पहिए में और एक एबीएस सेंसर पीछे के पहिए में लगाया जाता है क्योंकि ट्रक पिकअप ऑटो इंजीनियरिंग कुछ इस प्रकार से की जाती है की पीछे के पहिए को एक एबीएस से कंट्रोल किया जा सकता है इसलिए इसमें दूसरे की जरूरत नही पड़ती है।

एक सेंसर एबीएस

एक सेंसर abs में केवल वाल्व और एक सेंसर होता है जो की चारो पहियों की निगरानी करता है यह एबीएस पीछे के एक्सेल में स्थिर होता है।

यदि बात करे की इनमे से कौन सा एबीएस सिस्टम अच्छा होता है उसका जवाब है 4 abs system जो की आपकी गाड़ी के साथ आपको भी पूर्ण रूप से सुरक्षित रखता है।

गाड़ी में एबीएस क्यों लगाया जाता है

एबीएस का होना हर एक गाड़ी के लिए सुरक्षा के नजरिए अरियावश्यक है यदि मान लिए गाड़ी में एबीएस नहीं लगा है ऐसे में जब ब्रेक लगाया जाता है तो गाड़ी के पहिए लॉक हो जाते है इसका मतलब यह है की चलती हुई गाड़ी के पहिए अचानक से रुक जाए, इस स्थिति मेबाप सोच सकते है की आपके साथ क्या हो सकता हैं इसलिए कार हो या बाइक सब में एबीएस का बहुत जरूरी है।

abs ki khoj kisane ki

1950 में दुनिया में बढ़ती ऑटो की मार्केट को देखते हुए, है एक ऑटो कम्पनी ने मार्केट में टिके रहने के लिए एक गाड़ी को अच्छे से अच्छा कैसे बनाया जाय इस पर विचार कर रही थी किंतु उस समय जापान की कंपनी ने ऑटो मॉडल के ऊपर न ध्यान देकर उसकी सुरक्षा पर ध्यान देना शुरू किया, और उसने एबीएस की खोज की,

ABS breck system को इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट के साथ जापानी कंपनी टोयोटा ने 1970 में लॉन्च किया था जब यह सुरक्षा के मामले में हर एक ऑटो कम्पनी को पीछे छोड़ कर आगे निकला, और सफल रहा तो इसने 1985 में एबीएस को और भी सुरक्षित बनाने के लिए BOSCH ABS ।। को लॉन्च किया यह इनका पहला एबीएस ब्रेकिंग सिस्टम प्रोजेक्ट था जो आज तक सफल है।

किंतु इससे पहले भी एबीएस सिस्टम को बनाया जा चुका था यह बात अलग है की वह सफल नहीं हुआ है abs breck system की पहली शुरुआत फ्रेंच इंजीनियर जुलियन्न फ्रेन्कोन के द्वारा की गई थी जो की पूर्ण रूप से फेल हो गया था।

आपकी जानक्ति के लिए बता दे की एबीएस के साथ कार W116 Mercedes-Benz S-Class शामिल थी, जो ABS सिस्टम के साथ आई थी।

एबीएस से जुड़े कुछ प्रश्न

गाड़ी में एबीएस का मतलब क्या होता है?

गाड़ी में एबीएस का मतलब (ABS Ke Meaning) Anti-lock Braking System होता है जिसको हिंदी में लॉक – रोधी ब्रेकिंग प्रणाली कहा जाता है।

एबीएस का क्या फायदा है?

अचानक ब्रेक दबाने पर मोटरसाइकिल को डिस्बैलेंस होने से बचाता है। खराब मौसम की स्थिति हो या अचानक गाड़ी के सामने कोई भी चीज आ जाए तो, ये ब्रेक सिस्टम कोई बड़ी दुर्घटना होने से आपको बचा सकता है।

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