ITR Kya Hai -आईटीआर भरना क्यों जरुरी है?

by Hindraj Kumar
0 comment

क्या आप जानते है ITR Kya Hai? अगर नहीं जानते है तो इसका नाम आपने जरुर सुना होगा यदि आप एक Business Man है या फिर कोई आपका छोटा मोटा कारोबार है तो आईटीआर का नाम सुना ही होगा आईटीआर मुख्या रूप से आय से सम्बंधित है जिसमे से हमारे आय का कुछ हिस्सा सरकार को जाता है.

और यह प्रकिर्या हर एक बिज़नस मैन के साथ होता है जिसको Tax कहते है यहाँ से इकठ्ठा हुआ पैसा भारत की Economy को सुधारने में लगाया जाता है जिससे देश का विकास हो सके, वही आईटीआर (Income Tax Return) फाइल करना भारत के हर एक नागरिक का परम कर्तब्य है.

और आईटीआर एक ऐसा जरिया है जिससे Tax की चोरी को रोका जा सके क्योकि टैक्स की चोरी करना बहुत ही घिनोना काम है यदि कोई व्यक्ति ऐसा करते हुए पाया जाता है तो उसके साथ बहुत ही कठोरता से सरकार पेश आती है Income Tax Return File करना अपने आप में बहुत बड़ी चीज है.

क्योकि आईटीआर फाइल करने से बहुत फायदे मिलते है जिसको जानना और समझाना बहुत जरुरी है ऐसा इसलिए क्योकि ऐसे बहुत से लोग है जिनको ITR फॉर्म क्या हैं ये तक नहीं मालूम है तो मैंने सोचा क्यों नहीं आपको बताया जाय की आईटीआर क्या होता है ( ITR Full Form In Hindi) ITR Details in Hindi ये सब आपको इस पोस्ट में जानने को मिलेगी.

तो इस आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़े जिसमे आपको आईटीआर से जुडी पूरी जानकारी मिलने वाली है तो बिना समय गवाए आईये जानते है इनकम टैक्स रिटर्न क्या है और ये क्यों जरुरी है.

आईटीआर क्या है?

itr kya hai
ITR KYA HAI

ITR जिसका फुल फॉर्म Income Tax Return होता है यह एक प्रकार का फॉर्म होता है जिसके अंतर्गत पिछले वित्तीय वर्ष (Financial year) का ब्यौरा ऑनलाइन भरा जाता है यह सारी प्रकिर्या IT Department की Official Website “efiling Portal” के जरिये संपन्न की जाती है.

यह फॉर्म हर एक बिज़नस मैन को अपनी वित्तीय वर्ष ब्यौरा सरकार को देने के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिसके अंतर्गत अपनी Financial Year की Income दिखाई जाती है और इसके साथ ही आय का श्रोत क्या है वित्तीय वर्ष में बिज़नस में कितने पैसे निवेश किये गए, Business से कितना मुनाफा हुआ.

ये सारी जानकारी ITR Form के जरिये legal तरीके से सरकार को बताना पड़ता है जिसके अंतर्गत Financial Year में TDS बनता है तो itr form के जरिये सरकार को बता सकते है और अपने TDS की मांग कर सकते है.

आईटीआर फॉर्म मुख्या रूप सरकार को यह बताता है की देश के Business Man अपने Business से कितना कमाते है और कहा-कहा निवेश करते है Profit कितना है, Loss कितना हु, इसके साथ ही उनके द्वारा कितना टैक्स भरा गया है.

ITR का उपयोग का हर Business Man हर साल Financial Year यानी की 1 April 2020 से Last 31 March 2021 तक की income source आईटीआर फॉर्म के जरिये सरकार को बताता है की उसने अपनी Taxable Income से जुड़े कितने कार्य वित्तीय वर्ष में किये और कितना टैक्स भरा.

इनकम टैक्स रिटर्न वह फॉर्म है जिसमें निर्धारिती आयकर विभाग को अपनी आय और कर के बारे में जानकारी देता है। विभिन्न रूप ITR 1, ITR 2, ITR 3, ITR 4, ITR 5, ITR 6 और ITR 7 हैं। जब आप एक belated return दाखिल करते हैं, तो आपको ले जाने की अनुमति नहीं है।

तो ये था की Income Tax Kya Hota Hai? या ITR Kya Hota Hai अब हम जानेंगे की ITR क्यों भरा जाता है? उससे पहले जानते है ITR Form कितने प्रकार के होते है

ITR कितने प्रकार के होते है?

ITR Act के मुताबिक विभिन्न प्रकार के Tax Payer के लिए अलग-अलग आईटीआर फॉर्म मौजूद है जिसके द्वारा कर दाता अपनी income, expenses, and other pertinent tax information का ब्यौरा देता है और उसके साथ यह गणना करता है की उसका Refund बनता है की नहीं यदि बनता है तो वह सरकार से अपनी टैक्स की देनदारी को जाहिर करता है.

ITR (Income Tax Return) दाखिल करते समय सही ITR Form का चुनाव करना बहुत जरुरी है जिससे आपको आगे जाकर किसी भी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना पड़े, ITR Form कर दाता की आय पर निर्भर करता है और उसके व्यापार पर निर्भर करता है की उसके लिए कौन सा आईटीआर फॉर्म भरना सही है.

कुल मिलाकर कर दाताओ को अपने कर का ब्यौरा देने के लिए 9 प्रकार के ITR Form उपलब्ध है जिसमे ITR-2A और ITR-4S को काटकर 7 प्रकार के itr form होते है केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes) रिटर्न दखित करते समय individuals निम्न विषयों पर ध्यान देना चाहिए.

  • ITR-1
  • ITR-2
  • ITR-2A
  • ITR-3
  • ITR-4
  • ITR-4S

नीचे दिए गए Tax Return Form (ITR) केवल companies & firms के लिए लागु होते है.

  • ITR-5
  • ITR-6
  • ITR-7

1. ITR-1

इस फॉर्म को साहज फॉर्म के रूप में भी जाना जाता है, यह आयकर रिटर्न फॉर्म ITR केवल एक व्यक्तिगत करदाता द्वारा दायर किया जाता है कोई अन्य निर्धारिती जो कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है, अपने रिटर्न दाखिल करने के लिए इस फॉर्म का लाभ उठाने के योग्य नहीं है। यह फॉर्म निम्नलिखित लोगों के लिए लागू है:

1. एक व्यक्ति जो वेतन के माध्यम से या अन्य माध्यमों से अपनी आय अर्जित करता है जैसे पेंशन

2. एक व्यक्ति जो एक एकल आवास संपत्ति से अपनी आजीविका कमाता है.

3. एक व्यक्ति जिसके पास किसी अन्य व्यवसाय से कोई आय नहीं है या जिसके पास किसी भी संपत्ति की बिक्री से कोई आय नहीं है यानी पूंजीगत लाभ

4. ऐसे व्यक्ति जिनके पास भारत के अलावा देशों में कोई संपत्ति या संपत्ति नहीं है.

5. एक व्यक्ति जिसके पास भारत के बाहर किसी भी देश से आय का कोई स्रोत नहीं है.

6. एक व्यक्ति जिसकी कृषि से आय रु। से कम है 5,000

7. ऐसा व्यक्ति जिसकी आय का स्रोत विभिन्न निवेशों या स्रोतों से है जैसे निवेश, योजनाएं या सावधि जमा आदि.

8. जिन व्यक्तियों ने किसी भी विंडफॉल से कमाई नहीं की है जैसे लॉटरी, घुड़दौड़ आदि.

9. वे लोग जो अपने पति या पत्नी के बच्चे की आय को अपने पास जमा करना चाहते हैं, जब तक कि संयोजित की जाने वाली आय ऊपर उल्लिखित मानदंडों के अनुसार है.

Advertisements

2. ITR-2

ITR-2 फॉर्म एक प्रकार का ITR फॉर्म है, जो आम तौर पर उन व्यक्तियों द्वारा उपयोग किया जाता है, जिन्होंने संपत्ति या संपत्ति की बिक्री के माध्यम से आय अर्जित की है साथ ही, यह फॉर्म उन व्यक्तियों के लिए उपयोगी है जो भारत के बाहर के देशों से आय अर्जित करते हैं.

ज्यादातर मामलों में, व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार (Hindu Undivided Families) HUF इस फॉर्म का लाभ उठाकर अपना आईटी रिटर्न दाखिल कर सकते हैं यह प्रपत्र निम्नलिखित व्यक्तियों के लिए लागू है

1. जो लोग वेतन के माध्यम से या पेंशन के माध्यम से आय अर्जित करते हैं.

2. एक व्यक्ति जिसकी आय का स्रोत भारत में संपत्ति या संपत्ति की बिक्री के माध्यम से है यानी पूंजीगत लाभ

3. एक व्यक्ति जो एक से अधिक आवास संपत्ति से आय अर्जित करता है.

4. जो लोग किसी भी व्यावसायिक उद्यम से पैसा नहीं कमाते हैं.

5. एक व्यक्ति जो भारत के बाहर के देशों में संपत्ति रखता है.

6. जो लोग भारत के बाहर के देशों से आय अर्जित करते हैं.

7. एक व्यक्ति जिसकी कृषि से आय 5,000 रुपये से अधिक है.

8. एक व्यक्ति जो लॉटरी या horse racing जैसी किसी भी windfall से अपनी आय प्राप्त करता है.

3. ITR-2A

मूल्यांकन वर्ष 2015-16 में पेश किया गया, ITR-2A फॉर्म एक नया आयकर रिटर्न फॉर्म है इस फॉर्म का उपयोग हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) या एक व्यक्तिगत करदाता द्वारा किया जा सकता है निम्नलिखित लोगों के लिए ITR-2A फॉर्म लागू होता है.

1. ऐसे लोग जिनके आय का स्रोत मैं वेतन के माध्यम से या पेंशन के माध्यम से रखता हूं.

2. जो लोग एक से अधिक आवास संपत्ति से आय अर्जित कर रहे हैं.

3. वह व्यक्ति जिसे किसी अन्य व्यवसाय से कोई आय नहीं है या जिसे किसी भी संपत्ति की बिक्री से कोई आय नहीं है यानी पूंजीगत लाभ

4. वे लोग जो विभिन्न निवेशों या स्रोतों से आय अर्जित करते हैं जैसे कि फिक्स्ड डिपॉजिट, निवेश, शेयर आदि।

5. एक व्यक्ति जो भारत के अलावा अन्य देशों में किसी भी संपत्ति या संपत्ति का मालिक नहीं है.

6. एक ऐसा व्यक्ति जिसके पास भारत के बाहर किसी भी देश का स्रोत नहीं है.

7. एक व्यक्ति जिसकी कृषि से आय 5,000 रुपये से कम है.

8. जिन व्यक्तियों ने लॉटरी या घुड़दौड़ जैसे किसी भी पतझड़ से आय अर्जित नहीं की है.

4. ITR-3

ITR-3 Form एक व्यक्तिगत करदाता या एक हिंदू अविभाजित परिवार के लिए उपयोगी है, जो पूरी तरह से एक फर्म में एक भागीदार के रूप में काम करते हैं, लेकिन जो Firm के तहत किसी भी व्यवसाय का संचालन नहीं करते हैं यह उन व्यक्तियों के लिए भी लागू होता है.

जो firm द्वारा संचालित व्यवसाय से कोई आय नहीं कमाते हैं यह firm आमतौर पर उन Tax payers द्वारा दायर किया जाता है, जिनकी व्यवसाय से अर्जित कर योग्य आय केवल निम्नलिखित के रूप में होती है

  • Salary
  • Commission
  • Bonus
  • Interest
  • Remuneration

5. ITR-4

ITR-4 उन व्यक्तियों के लिए उपयोगी है जो व्यवसाय का संचालन करते हैं या जो पेशे के माध्यम से आय अर्जित ( income through a profession) करते हैं यह फॉर्म सभी प्रकार के व्यवसायों, उपक्रम या पेशों के लिए लागू है, जो अर्जित आय पर कोई सीमा नहीं है.

करदाता अपने व्यवसाय से अर्जित आय के साथ ही windfalls (पवनचक्की), speculation (सट्टा) salaries, lotteries, housing, properties etc से प्राप्त होने वाली किसी भी आय को क्लब कर सकते हैं दुकानदारों, डॉक्टरों या डिजाइनरों से लेकर एजेंटों, खुदरा विक्रेताओं और ठेकेदारों तक किसी भी पेशे के साथ एक व्यक्ति, इस फॉर्म का उपयोग करके अपना आईटीआर ITR दर्ज करने के लिए पात्र है.

6. ITR-4S

इस फॉर्म को सुगम फॉर्म के रूप में भी जाना जाता है ITR-4S Form का उपयोग किसी भी व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) द्वारा अपने आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए किया जा सकता है यह Form निम्नलिखित व्यक्तियों के लिए लागू है

1. वे व्यक्ति जो किसी भी व्यवसाय से आय अर्जित करते हैं.

2. एकल आवास संपत्ति से आय अर्जित करने वाले व्यक्ति

3. भारत में संपत्ति या संपत्ति की बिक्री के माध्यम से आय अर्जित नहीं करने वाले व्यक्ति अर्थात्: पूंजीगत लाभ

4. ऐसे व्यक्ति जिनकी कृषि से आय 5,000 रुपये से कम है.

5. ऐसे व्यक्ति जिनके पास भारत के अलावा अन्य देशों में कोई संपत्ति या संपत्ति नहीं है.

6. ऐसे व्यक्ति जो भारत के बाहर किसी भी देश से आय अर्जित नहीं करते हैं.

यह प्रपत्र विशेष परिस्थितियों में उपयोगी है और उन व्यवसायों पर लागू होता है जहां अर्जित की गई आय कोई भी presumptive method के अनुमानित तरीके पर आधारित होती है.

7. ITR-5

ITR-5 फॉर्म का उपयोग केवल कुछ कार्यो में किया जाता है जो की निम्नलिखित है.

  • फर्मों
  • Limited Liability Partnerships (LLPs)
  • व्यक्तियों का शरीर ( Body of Individuals) (BOIs)
  • व्यक्तियों का संघ (Association of Persons) (AOPs)
  • सहकारी समितियाँ (Co-operative Societies)
  • कृत्रिम न्यायिक व्यक्ति (Artificial Judicial Persons)
  • स्थानीय अधिकारी (Local Authorities)

8. ITR-6

उन कंपनियों या संगठनों को छोड़कर जो Act 11 के अनुसार कर छूट का दावा करते हैं, ITR-6 फॉर्म का उपयोग सभी कंपनियों द्वारा किया जाता है संगठन जो धारा 11 के अनुसार कर छूट का दावा कर सकते हैं.

वे संगठन हैं जिनमें प्राप्त की गई आय धर्म या दान के उद्देश्य से उपयोग की गई संपत्ति से जमा होती है यह विशेष रूप से आयकर रिटर्न फॉर्म केवल ऑनलाइन दाखिल करने के लिए उपलब्ध है.

9. ITR-7

जिन व्यक्तियों या कंपनियों को निम्नलिखित अनुभागों के तहत अपना रिटर्न जमा करना आवश्यक है, उन्हें आईटीआर -7 के माध्यम से अपना आयकर रिटर्न दाखिल करना आवश्यक है.

1. धारा 139 (4 A) – इस धारा के तहत, उन व्यक्तियों द्वारा रिटर्न दाखिल किया जा सकता है जो ट्रस्ट या कानूनी दायित्व के रूप में धर्म या धर्म के उद्देश्य से आयोजित किसी भी संपत्ति से आय प्राप्त करते हैं.

2. धारा 139 (4 B) – इस धारा के तहत, राजनीतिक दलों द्वारा रिटर्न दाखिल किया जाना चाहिए, बशर्ते उनकी अर्जित आय गैर-कर योग्य सीमा से ऊपर हो

3. धारा 139 (4 C ) – इस धारा के तहत, निम्नलिखित संस्थाओं द्वारा रिटर्न दाखिल किया जाना है.

4. धारा 10 (23 A) के तहत उल्लिखित कोई भी संस्था या संघ

5. वैज्ञानिक अनुसंधान से जुड़ा कोई संबंध

6. धारा 10 (23B) में उल्लिखित कोई भी संस्था

7. कोई भी समाचार एजेंसी

8. कोई भी फंड, चिकित्सा संस्थान या शैक्षणिक संस्थान

9. धारा 139 (4 D) – इस धारा के तहत, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों या किसी अन्य संस्थान जैसे संस्थानों द्वारा रिटर्न दाखिल किया जाना चाहिए, जिसमें आय या हानि इस खंड में उल्लिखित अन्य प्रावधानों के अनुसार प्रदान करने की आवश्यकता नहीं है.

✔143 (1) का नोटिस क्यों आता है?

ITR कैसे भरते है?

एक व्यावसायिक आदमी के लिए ITR File करना बहुत जरुरी है लेकिन उससे भी जादा जरुरी है की आप जो बिज़नस करते है उस Business के लिए कौन सा ITR Form भरा जाता है ITR कैसे भरें? या फिर Income Tax Return कैसे दाखिल करें?

यदि आपको अपना आईटीआर फॉर्म पता करने में परेशानी होती है तो आप ITR भरने में जल्द बाजी न करें क्योकि आपके एक गलत निर्णय से आपको काफी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है इसीलिए आयकर रिटर्न कैसे भरना है? जानने से पहले अपना ITR Form जरुर सुनिश्चित कर लें.

जब आपका आईटीआर फॉर्म सुनिश्चित हो जाता है तब आपको www.efiling.org पर अपना अकाउंट बनाना होगा, अगर पहले से है तो अपने अकाउंट में Login करने के लिए User & Password का इस्तेमाल करे user name में आपका Pan Card का नंबर होता है.

जब आप E-filing के Dashboard में लॉग इन होते है तो जहाँ पर कई मेनू देखने को मिल जाते है जिसमे एक मेनू e-File का होता है इस मेनू पर क्लिक करें जिसके अंतर्गत Income Tax Return पर क्लीक करे जिसमे एक फॉर्म आपके सामने खुलकर आएगा जिसमे आपको अपनी कुछ Information Fillup करनी होगी.

PAN * PGRYT4XXXX
Assessment Year * 2020-21
ITR Form Number *ITR-1 To ITR-7
Filing Type *अपनी सुविधा अनुसार
Submission Mode *अपनी सुविधा अनुसार

जैसे ही Submission Mode पर क्लिक करते है तो ITR FILL UP करने के लिए पूरा का पूरा फॉर्म ओपन हो जाता है जिसको आपको सही सही भरना है ITR Form भरने के लिए कुछ डॉक्यूमेंट की जरुरत पड़ती है जिनके जरिये ITR भरा जा सकता है.

ITR भरने के लिए जरुरी दस्तावेज

  1. Form 16
  2. Form 16a
  3. Form 16ab
  4. Form 16B
  5. Form-16C
  6. Form-16D
  7. Form 26AS
  8. Tax-saving investment proofs

Tax क्या है?

tax का भुगतान हर एक ब्यापारी करता है जिसको वित्तीय कर या वित्तीय शल्क भी कहा जाता है टैक्स से इकट्ठा पैसा सार्वजानिक सुविधाओ के लिए राजस्व इकट्ठा करने के लिए लगाया जाता है जो देश को सर्वोतम सुविधाए प्रदान करता है टैक्स से एकत्रित फंड देश के प्रति खर्च किया जाता है.

आज अपने क्या सीखा

तो दोस्तों आपको यह लेख आईटीआर क्या है? आपको कैसा लगा, मैं उम्मीद करता हु की आप लोगो को यह लेख जरुर पसंद आया होगा, मैंने अपनी तरफ से आयकर रिटर्न क्या होता है पूरी जानकारी हिंदी में दि है फिर भी आपको लगता है

की इस Post में कोई गलती रह गयी है या फिर आर्टिकल पूरा नही है, तो आप नीचे Comment Box में Comments करके हमें सूचित कर सकते है और हम इस आर्टिकल को सुधारने की पूरी कोशिश करेंगे, यहाँ तक पोस्ट पढ़ने के लिए आपका दिल से आभार.

You may also like

Leave a Comment

Copyright © 2020 – 2023 HindiSuvidha, All Rights Reserved