प्यार क्या होता है प्यार की परिभाषा हिंदी में समझे

by Staff Team
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इस सृष्टि का निर्माण प्यार से हुआ, किंतु आज के समय में कुछ लोगो के द्वारा प्रेम को पता नहीं क्या क्या नाम से जाना जाता है और आज ऐसी स्थिति आ गई है की प्रेम का नाम सुनते ही लोग उसका गलत मतलब निकालते है ये उनकी गलती नहीं है क्योंकि आदमी के मन पर किसी व्यक्ति या वस्तु के प्रति हिन भावना तब आती है जब वह उस वस्तु या व्यक्ति के बारे में गलत सुनते या देखते है और आज के समय में मानव की दिमाकीय फितरत काफी हद तक बदल चुकी है लेकिन मैं आपको बता दूँ की जैसा लोग आज के समय में प्रेम के बारे में सोचते है Love वैसा नहीं है।

अब सवाल आता है की तब प्यार क्या होता है प्यार की परिभाषा क्या है इसको समझने के लिए आपको इस पोस्ट को अंत तक पढना होगा, जिसके बाद आप प्यार को बहुत ही अच्छे दे समझ सकते है तो आईये जानते है प्यार की असली परिभाषा क्या होती है।

प्यार क्या होता है

प्यार एक ऐसा शब्द है जिसको सुनते ही व्यक्ति में मन में दुसरे के प्रति स्नेह भावना उत्पन्न होती है यह ईश्वर का ऐसा वरदान है जो इस पूरी सृष्टि को पूरी तरह से एक बंधन में बांध कर रखता है प्रेम में मजबूत और सकारात्मक भावनात्मक और मानसिक अवस्थाओं की एक श्रृंखला शामिल है, सबसे उदात्त गुण या अच्छी आदत से, सबसे गहरा पारस्परिक स्नेह, सबसे सरल आनंद तक।

प्यार क्या है
प्यार क्या होता है

प्यार का एक ही मतलब होता है किन्तु इसका मतलब जगह और व्यक्ति के अनुसार भिन्न हो सकता है जैसे माता से पुत्र और पुत्री के प्रति प्यार भावना, पति और पत्नी के प्रति प्यार, जानवरों के प्रति स्नेह भावना, दीन यक्ति के प्रति स्नेह भावना, और भाई चारा बनाये रखने का प्रेम किन्तु इन सब का एक ही मतलब निकलता है की प्रेम एक दुसरे को मिल जुल कर रहना सिखाता है न की एक दुसरे के प्रति नफरत की भावना पैदा करता है।

जब बात प्यार की परिभाषा की आती है तो प्यार शब्द की एक ही परिभाषा होती है वह है दयालुता, प्रेम और नफरत एक ही साथ नहीं रह सकते है क्योकि जहाँ पर प्रेम होता है वहां पर नफरत का दूर-दूर तक पता नहीं होता है क्योंकि प्रेम के शब्द में ऐसा जादू है जो नफरत को हर एक व्यक्ति के दिलो दिमाक से दूर रखता है और रही बात एक प्रेमी जोड़े की प्यार की या यूँ कहे एक बालिक लडके और लड़की तो यह एक दुसरे के आखों के आकर्षण और Love Hormones Release Oxytocin होने के कारण प्रेम की भावनाएं उत्पन्न होती है जिससे वह एक दुसरे के और भी ज्यादा करीब आने लगते है।

किन्तु या सब हारमोंस के कारण होता है जब यह हॉर्मोन उस व्यक्ति के प्रति नकारात्मक पैदा करता है तो वही प्रेम उस व्यक्ति के प्रति नफरत की भावनाएं पैदा करने में मदद करते है चुकी यह पूरी प्रक्रिया नव युवक बालक या बालिका के साथ होती है तो शुरुआत में यह होरमोन उनको बहुत ही ज्यादा ख़ुशी का अनुभव करता है और होरमोन के कारण उस व्यक्ति के प्रति इतना ज्यादा छुकाव पैदा कर देता है की उसके लिए कुछ लोग मरने और मारने तक तैयार हो जाते है इस स्थिति में उनका मष्तिक भी उनका साथ छोड़ देता है जो आज के समय में नव युवक में अधिकतर देखने को मिलता है।

इस लिए यदि आपके साथ भी कुछ ऐसा ही हो तो आप अपने दिल के साथ दिमाक का भी सहारा ले यदि आप ऐसा करते है तो आप हमेशा शांति और ख़ुशी का अनुभव करते रहेंगे, क्योंकि आपको भी पता होगा की जल्दबाजी में लिया हुआ हर एक फैसला आपको और आपके परिवार को दुःख देने के सिवाय और कुछ नही दे सकता है इससे भी ज्यादा जरुरी है आपकी चेतन शक्ति आपकी चेतन शक्ति जितनी अधिक होगी उतने ही अच्छे से आप कठिन से कठिन परिस्थिति का भी फैसला बहुत ही अच्छे से ले सकते है।

प्यार का सही अर्थ क्या होता है

जैस की हमने ऊपर जाना है की प्यार रिश्ते को अहमियत देकर तथा उनके ऊपर निर्भर रहता है जब बात प्यार की सही अर्थ की बात आती है तो वहां पर व्यक्ति की मानसिकता का काफी ज्यादा योगदान रहता है क्योंकि जितनी प्रबल आपकी सोचने की शक्ति रहती है उतने ही अच्छे से आप हर एक चीज को बहुत ही अच्छे से समझ सकते है और उस व्यक्ति या वस्तु के प्रति अपना एक सही निर्णय दे सकते है ठीक आपकी यही सोचने और समझे की प्रबल शक्ति प्यार के अर्थ को भी व्यक्त करती है।

सच्चे प्यार का सही अर्थ यह है यदि आपको आपका प्यार मिलता है तब भी आप उससे उतना ही प्यार करते है आपके प्यार में किसी भी तरह का कमी नहीं आती है और उसके लिए आप अपनी पूरा का पूरा जीवन त्याग देते है आप जिससे सच्चा प्यार करते है वह आपको हर जगह नज़र आता है आपको हमेशा उसकी याद आती रहती है और आप उसके ख्यालों में दुबे रहते है जिसका सबसे अच्छा उदाहरण मीरा बाई है जिन्होंने श्री कृष्ण के लिए अपना पूरा का पूरा जीवन कुर्बान कर दिया, और आज तक मीरा बाई के जैसा कोई अन्य नहीं बन पाया है।

मीरा बाई की कहानी हजारों साल पुरानी है किन्तु आज भी लोग मीरा बाई का श्री कृष्ण के प्रति इतना अधिक प्रेम को नहीं भुला पाए है और न ही भुला पाएंगे, क्योंकि मीरा बाई का प्रेम श्री कृष्ण के प्रति सच्चा था इसलिए जब बात प्रेम के सही अर्थ की आती है तो लोगो के होठों पर मीरा बाई का नाम सबसे पहले और बहुत ही अदब के साथ लिया जाता है क्योंकि एक सच्चा प्यार ऐसा ही होता है जिसकी लोग कभी भी निंदा नहीं करते है।

एक सच्चा प्यार कैसे होता है

प्यार एक ऐसा शब्द है जिसका उच्चारण मात्र से ही मन और मस्तिष्क को शांति की अनुभूति मिलती है किन्तु क्या आपको पता है की एक सच्चा प्यार कैसा होता है सच्चे प्रेम में पड़े व्यक्ति की प्रतिक्रियाए कैसी होती है और भी बहुत कुछ, लोगो के मन में एक सच्चे के बारे में जानने की उत्सुकता काफी अधिक देखने को मिलती है अधिकतर 16 से 20 साल के युवायों में, तो आईये जानते है की एक सच्चे प्रेम में पड़े व्यक्ति का मस्तिष्क कैसे काम करता है।

1. सब कुछ अच्छा लगने लगता है :- एक सच्चे प्रेम में पड़ा हुआ व्यक्ति हमेशा खुश रहता है उसको अपने चारो तरफ सुंदरता का माहौल दिखने लगता है आप जब भी ऐसे व्यक्ति से बात करने की कोशिश करेंगे, तो आप देखेंगे की उसका मस्तिष्क कही और ही है क्योंकि उस व्यक्ति का अपने काम पर ध्यान ही नहीं रहता है वह हमेशा अपने प्रेमी के ख्यालो में डूबा हुआ होता है और हमेशा हँसता हुआ रहता है।

2. प्रीतम की एक झलक पाने को बेताब रहना :- एक सच्चे प्यार में पड़े व्यक्ति के साथ ऐसी प्रतिक्रियाए होती है की वह जब तक अपने प्रीतम की एक झलक न पाए तो वह बेचैन रहता है वह किसी भी तरह से अपने प्रेमको देखना चाहता है और ऐसा नहीं है की वह उसको देखने के बाद उसकी इच्छा पूरी हो जाती है वह दिन में कई बार उसको देखना चाहता है ऐसी क्रियाये जब किसी के साथ होती है तो इन क्रियाओ को एक सच्चे प्यार का नाम दिया जा सकता है.

3. हमेशा समर्पण की भावना रहती है:- जिस व्यक्ति को सच्चा प्रेम हुआ होता है उसके अंदर अपने प्रेमी के प्रति किसी भी प्रकार की हिन भावना या छल कपट नहीं रहती है वह अपने प्रीतम के लिए कुछ भी कर सकता है उसके लिए अपने प्रेमी के प्रति हमेशा समर्पण भावना रहती है वह पूरी तरह से अपने आप को उसके हवाले कर देता है ऐसा नहीं है की यह क्रिया केवल लडको के साथ या लड़कियों के साथ होती है यह इनमे से किसी के भी साथ हो सकती है या दोनों के साथ हो सकती है यदि उनका प्यार सच्चा होता है तो.

4. मुसीबत में उनके साथ रहते है:- जब भी एक प्रेमी युगल में से किसी एक के भी साथ कोई मुसीबत आन पड़ती है तो वह उनके साथ हर हाल में उनका सहारा बन कर खड़े रहते है चाहे वह कितनी भी मुसीबत में क्यों न हो परन्तु जब उनके प्रेमी के ऊपर कोई मुसीबत आती है तो वह अपने गम को पूरी तरह से भूल जाते है और उनके साथ कंधे से कन्धा मिलकर मुसीबत का सामना करते है और उससे निकलने का प्रयास करते है.

प्यार करने से क्या होता है

बहुत से लोगो के द्वारा यह सवाल पूछा जाता है की प्रेम करने से क्या होता है उनका यह सवाल ही गलत है सयाद उनका सवाल यह हो सकता है की जब प्यार होता है तो क्या होता है फिलहाल आईये हम आपके सवाल पर ही आते है जैसा की आपका सवाल है की प्यार करने से क्या होता है मैं आपको बता दूँ की प्यार किया नहीं जाता है यह हो जाता है जो की वयस्क युवा में एक विशेष प्रकार का गुड होता है जैसा की समय के साथ शरीर में ऐसी बहुत ही नई क्रियायों का जन्म होता है.

जिनमे से हर एक वयस्क में प्रेम की क्रिया सामान्य रूप से देखने को मिलती है जब एक वयस्क को पहला प्यार होता है तो वह पूरी तरह से आत्मविश्वास से भरा होता है हर एक चीज उसको अच्छी लगने लगती है साथ हा वह भरपूर आनंद का अनुभव करता है इसके साथ वह बेचैन भी होता है यह क्रिया तब होती है जब वह अपने साथी यानी प्रेमी की एक झलक को नहीबदेख पाता है जिसके कारण वह अपने आप को बेचैन और दुख का अनुभव करने लगता है।

प्यार में बेचैनी क्यों होती है

उमर के कुछ पड़ाव कोनपार करने के बाद जब मानव को किसी से प्यार होता है तो उसमे अनेकों लक्षण देखने को मिलते है जैसे, उस व्यक्ति के प्रति आकर्षण महसूस होने लगता है, दिमाक में कन्फ्यूजन सी होने लगती है अचानक से अनेकों ख्याल का दिमाक में आना, और अच्छीं फीलिंग का अनुभव करना कुछ इस तरह की क्रियाएं प्यार में पड़ने के बाद शरीर में होनी शुरू हो जाती है।

प्यार एक खूबसूरत अहसास है किंतु इसके साथ प्यार में बेचैनियां भी देखने को मिलती है अक्सर शरीर में बेचनी की क्रिया तब उत्पन्न होती है जब व्यक्ति का पहला प्यार रहता है उस दौरान जब शरीर में स्ट्रेस हॉर्मोन कोर्टिसोल की मात्रा बढ़ जाती है परिणाम स्वरूप शरीर में बैचैनी होना लाजमी है और यह क्रिया तब और भी ज्यादा अधिक हो जाती है जब आप जिस व्यक्ति से प्यार करते है और वह आपके समनेब जाता है।

प्यार क्या होता है और क्यों होता है

प्यार एक खूबसूरत अहसास है जिसको होने बाद एक सामान्य व्यक्ति के व्यवहार में कई बदलाव देखने को मिलते है प्यार में पड़े व्यक्ति को अपने चारो तरफ सब कुछ अच्छा लगने लगता है ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मानव मस्तिष्क कुछ नए कैमिकल्स का रिलीज होना, जिसके कारण मानव न चाहते हुए भी उस व्यक्ति की ओर आकर्षित होने लगता है और उससे प्यार करने लगता है यह आकर्षण की भावना एक व्यक्ति में तब पनपती है जब एक लड़का अपने वयस्क अवस्था में आता है उसके अन्दर कई प्रकार की नई जिज्ञासा का जन्म होता है.

जिससे वयस्क लड़का और लड़की एक दुसरे की ओर आकर्षित होते है यह आकर्षण सर्वप्रथम आँखों के रास्ते से शुरू होकर दिल तक पहुचता है किन्तु एक वयस्क के मन म में दुसरे के प्रति प्यार की भावना उत्पन्न करने का मुख्या कारण मानव मस्तिष्क है क्योंकि मनुष्य की सारी हरकतों का जिम्मेदार मस्तिष्क स्वमं है और यही मस्तिष्क अपने हिस्से के एक भाग में प्रेम कैमिकाल्स को रिलीज़ करता है जिसके कारण प्यार में पड़े व्यक्ति को आनंद की अनुभूति होती है और वह हर समय खुश रहता है.

प्यार क्या है शायरी

यदि हम आज के समय की बात करे तो प्यार में शायर बनने वालो की संख्या बहुत ही कम है किन्तु पहले के समय में जब किसी को प्यार होता था तो वह कुछ बने या न बने किन्तु शायर बहुत कमाल का बनता था और शायरी का स्टेज कई राह से होकर गुजरता था जैसे प्यार में प्रशंसा की शायरी, प्यार में मिले धोखे की दर्द भरी शायरी, Love Best Shayari, Love Quotes in Hindi आदि देखने को मिलते है फिलहाल यदि आपको भी प्यार भरी शायरी पसंद है या प्यार से जुडी शायरी पसंद है तो आपको नीचे प्यार के रस से परिपूर्ण शायरी की लिस्ट मिल जाएगी.

प्यार की सबसे अच्छी परिभाषा क्या है

जैसा की आपने ऊपर जाना, प्यार के अनेको रूप होते है जो रिश्तो के आधार पर निर्भर होते है जिसमे से सबसे अच्छी प्यार की परिभाषा की बात है तो आपको भी पता है की माँ का ही ऐसा प्यार होता है जो की हर एक रिश्ते के प्रेम से ऊपर होता है यहाँ तक की माँ के प्रेम के आगे भगवान भी हार गए, इसलिए माँ को भगवान का दर्जा दिया गया है मेरे हिसाब से प्यार की सबसे अच्छी परिभाषा माँ के प्रेम के अलावा और दूसरा हो ही नहीं सकता है.

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निष्कर्ष…

प्यार एक साधना और अहसास है जिसको होने के बाद मानव अत्यधिक आनंद की अनुभूति करता है और उसको सब कुछ अच्छा लगाने लगता है तो आपको हमारा लेख प्यार क्या है कैसा लगा, हमने अपनी तरफ से प्यार की परिभाषा को सरल से सरल शब्दों में समझाने की कोशिश की है किन्तु यदि आपको फिर भी लगता है की नहीं यह सही है या इस लेख में कुछ बदलाव की जरुरत है तो आप हमको कमेंट्स के जरिये प्रेम के बारे में राय दे सकते है Love के बारे में आपकी राय यदि हमको सही लगती है तो हम जरुर इस लेख में बदलाव करेंगे, किन्तु यदि आपको यह लेख सही लगा तो इसको शेयर करना न भूले, यहाँ तक लेख को पड़ने के लिए आपका तह दिल से शुक्रिया…….

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