प्यार कैसे होता है और क्यों होता है

by Staff Team
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आप में से बहुत से लोग जो Bachelor होंगे उनके मन में एक सवाल को कभी न कभी आया ही होगा जो यह है की प्यार कैसे होता है आपने इसके बारे में जानने को कोशिश भी की होगी, किंतु आप इस सवाल के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए होंगे, क्योंकि आपने Pyar Kaise Hota Hai इस सवाल का जवाब जिनसे भी पूछा होगा, उन सब का जवाब एक जैसा न होकर सबका जवाब अलग ही रहा होगा।

क्योंकि कुछ सवालों के जवाब ऐसे भी होते है जिनका जवाब एक जैसा न होकर अलग अलग सुनने को मिलता है क्योंकि यहां पर सब अपने अपने प्यार के अनुभव को व्यक्त कर रहे होते है और यह बात सत्य है की प्यार की अनुबंधता हर एक इंसान की एक जैसी नहीं होती है सबकी अपनी अपनी प्यार की फीलिंग और अहसास होता है जो सबका एक जैसा बिल्कुल नही हो सकता है किंतु इनमे से एक बात अधिक सुनने को मिलती है की प्यार ईश्वर की देन है.

क्योंकि इस सृष्टि का निर्माण प्यार से ही हुआ है और यह प्यार ही है जो आज एक इंसान को दूसरे इंसान से बांध कर रखता है और समय आने पर उस इंसान को मदद भी करता है यदि आपको असली प्यार की परिभाषा को समझना है तो आप मीरा के प्यार देख सकते है जिसने अपनी पूरी जिंदगी संसार के पालनहार कृष्ण कनाहिया के नाम कर दी, और आज के समय में यदि आप प्यार की सही परिभाषा को देखना और समझना चाहते है.

तो अपने मां के प्यार को देखे और समझे क्योंकि इस संसार में मां ही ऐसी है जो आपका हमेशा ख्याल रखती है जब एक बच्चा छोटा होता है और मां अपने बच्चे को अपने पास लेकर सोती है और बच्चा बार बार पेसाब कर विस्तार को गीला कर देता है तो वह मां ही होती है जो खुद गीले विस्तार पर सोती है और बच्चे को सूखे विस्तार पर सुलाती है मां किसी भगवान से कम नहीं होती है शायद यही कारण है की भगवान हर जगह नहीं हो सकता है इसलिए उसने माँ बनायीं.

pyar kaise hota hai प्यार कैसे होता है
प्यार कैसे होता है Pyar kaise hota hai

हर एक इंसान प्यार को अपने नज़रिए से देखता है फिलहाल आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम जानेंगे की प्यार क्या होता है?, प्यार कैसे होता है?प्यार में तकलीफ क्यों होती है? और प्यार के बारे में बहुत कुछ तो आईये बिना देरी किये जानते है प्यार की शुरुआत कैसे की जाती है?

प्यार क्या है

प्यार कैसे होता है यह जानने से पहले हमको यह जानना जरूरी है की प्यार क्या है या प्यार क्या होता है क्योंकि आप किसी सवाल को जब तक नहीं समझ सकते है जब तक आप उस सवाल के जड़ तक नहीं जाते है जो की एक सामान्य बात है और मेरी इस बात से आप भी सहमत होंगे, तो हमारा आज का टॉपिक है की Pyar Kaise Hota Hai (प्यार कैसे होता है) लेकिन उससे पहले आपको जानना होगा की प्यार की असली परिभाषा क्या है? जो आपको नीचे पढ़ने को मिलेगी.

प्यार एक ऐसा मीठा अहसास है जो किसी भी व्यक्ति को कभी भी किसी भी समय हो सकता है, और यह तब होता है जब एक व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति में उसके अच्छे स्वभाव उसका चरित्र, रूप रेखा, को देखकर उसके तरफ आकर्षित होना, इसको हम प्यार कहते है जब इंसान को प्यार होता है तो इंसान पहले के मुकाबले बहुत ही ज्यादा ख़ुशी का अनुभव करता उसको हर एक चीज सुंदर दिखने लगती है तरफ सुंदरता का अनुभव होने लगता है आपका मन हमेशा प्रसन्न रहता है जिस व्यक्ति से आपका प्यार होता है यदि आप उसको न देखे तो आपको बेचैनी सी रहती है, किन्तु जब आप अपने प्रीतम की एक झलक देख लेते है आपको संतोष हो जाता है.

इसके साथ ही जब आपको प्यार होता है तो आपका जिस इंसान से प्यार करते है उसको हमेशा अपनी आँखों के सामने देखना पसंद करते है किसी एक भी छड यदि वह आपके सामने नहीं रहता है तो आपका मन बहुत ही ज्यादा उदास हो जाता है किन्तु जब वह आपके समाने आ जाता है तो आप पूरी तरह से पहले के जैसे हो जाते है और इसके साथ ही जब आपको प्यार होता है तो आप पहले से बहुत ही ज्यादा खुश और सुंदर दिखने लगते है यह एक पवित्र प्रेम की परिभाषा है जो की इश्वर की बहुत ही सुंदर देन है यदि आपके साथ ऐसा कभी होता है तो आप समझ लेना ही आपको किसी से प्यार हो गया है.

प्यार कैसे होता है

“प्यार कैसे होता है” यह एक ऐसा प्रश्न है जिसका जवाब आपको किसी के पास नहीं मिलेगा, क्योंकि प्यार कोई पकवान नहीं जिसको पात्र में डाला और ज्वाला प्रज्वलित की और वह हो गया, एक इंसान को प्यार होना Natural है क्योंकि प्राकृतिक का निर्माण ही प्यार की मजबूत जड़ों से हुआ है प्यार कभी भी किसी भी समय किसी एक इंसान को देखने मात्र से हो जाता है और यह तब और भी गहरा हो जाता है जब आप उस इंसान के बारे में ओर भी अच्छे से जानने और समझने लगते है क्योंकि किसी व्यक्ति से अधिक लगाव तब होता है जब आप उसके अच्छे गुणों के बारे में जानते है इसका सबसे अच्छा उदाहरण आप अपने घर में देख सकते है.

जहाँ पर आपको प्यार ही प्यार दिखेगा, माँ का प्यार, अपने भाई का प्यार, बहन का प्यार, पिता का प्यार, क्या आप अपने घर में इन सब से नफरत करते हो आपका जवाब होगा नहीं, आप इनसे अपने से भी ज्यादा प्यार करते है क्योंकि आपको पता है की मेरे पिता दुनिया के सबसे अच्छे पिता है मेरा भाई,मेरी बहन, मेरी माँ, इस सब के प्यार को आपने कैसे पहचाना, क्योंकि आपको पता है यह यह मेरे अपने है जिन्होंने मेरे बारे में कभी भी नहीं कुछ लगत सोचा या मुझको नुक्सान पहुचने की कोशिश की, और मेरी हर एक जीद को पूरा किया, भले ही मेरे पिता के पास मेरी जीद को पूरा करने के लिए प्रयाप्त पैसे न हो, उन्होंने काफी भी नहीं कहाँ की मैं यह तुम्हारे लिए यह नहीं कर सकता हूँ.

वह किसी भी तरह से लाखों कष्ट को सह कर हमारे सपने को पूरा करते है उनके इस गुण और हमारे प्रति ऐसी भावना के चलते हमको भी उनसे प्यार होता है किन्तु यहाँ पर हर एक प्यार का अपना अलग मतलब हो सकता है किन्तु प्यार सबका सच्चा होता है ठीक इसी प्रकार से आप जब किसी अन्य व्यक्ति में यह गुण को देखते है जो आपकी अपने से भी ज्यादा फ़िक्र करता है तो आप भी उससे कभी न कभी प्यार करने लगते है.

प्यार करने के लिए क्या जरूरी है

यदि बात जरूरत की आती है की प्यार करने के लिए क्या जरूरी होता है तो वह प्यार नही होता है उसको आप स्वार्थ समझ सकते है क्योंकि एक सच्चे प्यार के लिए दुनिया की सभी चीजे भंगुर मात्र है सिवाय अपने प्यार के, उदाहरण के लिए आप मीरा बाई को देख सकते है जिन्होने अपना पूरा जीवन श्री कृष्ण के नाम कर दिया, क्योंकि उनकी भक्ति श्री कृष्ण के प्रति थी यदि वह चाहती अपने जीवन को एक नही दिशा दे सकती थी किंतु उन्होंने अपने पूरे जीवन काल में श्री कृष्ण (कनाहियां) की दीवानी बनी रही और उन्ही का गुणगान अपने पूरे जीवन काल में करती रही.

ठीक इसी प्रकार एक आम मानव को जब किसी से सच्चा प्रेम होता है तो वह अपने प्रेमी से किसी तरह को किसी वस्तु या किसी जरूरत की उपेक्षा नहीं करता है क्योंकि उसको अपने ज्यादा उस पर विश्वास रहता है जिससे वह प्यार करता है उसको वह पता होता है को कितनी भी मुश्किल घड़ी क्यों न आए, सारे लोग हमारे खिलाफ हो जाए किंतु यह मेरा साथ नही छोड़ेगा और मेरे साथ हमेशा हमेशा खड़ा रहेगा.

यह होता है एक दूसरे पर विश्वास, यदि आप प्यार में जरूरत की बात कर रहे है तो आप प्यार में विश्वास को जोड़ सकते है प्यार में बस एक दूसरे के प्रति विश्वास होना चाहिए, दूसरी बात यह की किसी भी फैसले को आप जल्दबाजी में न ले, सबसे पहले आप अपने दिमाक को शांत करे फिर पुनः चिंतन करे, यदि आपको सही लगता है फिर कोई फैसला करे, किंतु यदि आपको कुछ भी समझ में नहीं आता है तो ऐसे में आप अपने से बड़ों की मदद इस मामले में ले सकते है क्योंकि आपसे कई ज्यादा अनुभव उनको होता है और वह आपको जरूर एक सही राय देंगे.

जब प्यार होता है तो क्या होता है

प्यार एक बहुत ही सुंदर अहसास है और जब किसी से प्यार होता है तो हमको अपने आस-पास का माहौल अति सुंदर दिखने लगता है हमारा मन हमेशा प्रसन्न रहता है मानो की जैसे हमारे शरीर में ख़ुशी का भंडार भरा हो, ऐसा लगता है की हम सातवें स्थान पर पहुच चुके है अब दुनिया से हमको कुछ नहीं चाहिए, हमारी जिंदगी, हमारी आखों की रोशनी हमारा सब कुछ हमारा प्यार ही है किन्तु जब हम अपने प्रेमी के स्वभाव से परिचित होते है तो हमारा वही दीमाक पाने तर्क से पहचाने के लिए मजबूर करता है यदि सामने वाला का स्वभाव अच्छा है.

वह सबके बारे में सही सोचता है सबकी भलाई करता है और आपसे भी वह उतना ही अधिक प्रेम करता है जितना आप उससे करते है तो ऐसे में आप उसके ओर भी ज्यादा करीब होने लगते है लेकिन वह आपका दीमाक आपके प्रेमी के अच्छे स्वभाव को नहीं देखता है उसमे उसको बुराईया ही मिलती है और वह आपसे बिलकुल प्रेम नहीं करता है बस आपको एक मौहरे के जैसे इस्तेमाल कर रहा होता है तो आपको बहुत दुःख होता है आप Depression में चले जाते है और अपने आप को ही नुक्सान पहुचने की सोचने लगते है आप अपने प्रेमी को उस समय भी किसी भी प्रकार का दोष नहीं देना चाहते है क्योंकि आपने उससे सच्चा प्यार किया था.

प्यार की शुरुआत कैसे की जाती है

आपको प्यार की शुरुआत करने की जरुरत ही नहीं है यह अपने आप ही हो जाता है और यह अधिकतम 16-18 साल के वयस्कों में देखने को मिलता है यह एक दुसरे के देखने मात्र से ही हो जाता है जिसको हम पहली नज़र कह सकते है उनके लिए यह सब बिलकुल नया होता है और उनको और जब प्यार होता है तो उसका अहसास इतना अच्छा होता है और दिल में एक अजीब सी गुदगुदी रहती है उनको लगता है की सामने वाला ही अब मेरा सब कुछ है इसके लिए मैं कुछ भी कर सकता हूँ हम यहाँ पर सोच लेते है की कुछ भी हो जाए इसको छोड़ना नहीं है और सब वह सामने वाले को देखने मात्र से ही तय कर लेते है.

क्योंकि उनको जीवन के बारे में अधिक कुछ नहीं पता होता है क्योंकि उनके लिए सब कुछ नया होता है और जब जीवन में कुछ नया होता है तो सब कुछ अच्छा ही लगता है किन्तु हम असल जीवन से बिलकुल अनजान होते है की जीवन कैसे चलता है किन्तु हमको तो उस समय बस एक शनक सवार रहती है कोई कुछ भी बोले हम उनकी बाते सुनाने से कतराते है किन्तु आपको यह सोचना चाहिए की यह आपकी उम्र पढ़ने लिखने की है और अपने जीवन की एक नयी दिशा देने की है न की प्यार करने की समय के साथ आपको सब कुछ धीरे-धीरे समझ में आने लगता है.

प्यार होने के लक्षण क्या क्या है

जब किसी को किसी से प्यार होता है तो वह हमेशा उसके ख्यालो में ही खोया रहता है उनको हर समय एक बेचैनी सी रहती है और वह जिससे प्यार करते है उनकी बस एक झलक कैसे दिख जाए इसके ताक में रहते है, पागलो की जैसी हरकते करने लगते है आपने आप में ही मुस्कुराते रहते है उनको खाना पानी से कुछ मतलब नहीं रहता है उनको बस एक ही धुन सवार रहती है की कैसे हम उसको बस एक बार देख सकें.

प्यार क्यों होता है

किसी व्यक्ति की इच्छा उसकी भावनाएं, के कारण वह किसी के प्यार में पड़ जाते है जो की सामान्य है जब हम किसी व्यक्ति को देखते है तो उस व्यक्ति में कुछ ऐसा होता है जिसके कारण हम उसको बहुत ज्यादा पसंद करने लगते है और प्यार उस समय में सबसे अधिक होता है जब एक बच्चा 18-20 साल का होता है जिसको Characteristics of Science भी कहते है जो की विज्ञान के अनुसार स्वाभाविक रूप से हर एक वयस्क में देखने को मिलता है प्यार होने के कुछ होर्मेंस के कारण भी होते है जो की समय के साथ शरीर में विकशित होते है.

Note:

अगर आप एक क्षात्र या क्षात्रा है और आपकी उम्र 16 से 21 के बिच में है तो आप प्यार कैसे होता है इस तरह की बातो में न पड़े, यादपि आप अपने पढ़ाई पर ध्यान दे, जो आपके कल को एक नई दिशा दे सकती है

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निष्कर्ष….

प्यार करना कोई पाप नहीं है यह इस संसार का नियम है लेकिन प्यार कब किया जाता है यह मायने रखता है फिलहाल Pyar Kaise Hota Hain आपको कैसा लगा, मैं उम्मीद करता हूँ की आप लोगो को यह लेख जरुर पसंद आया होगा, मैंने अपनी तरफ से प्यार कैसे होता है? , इस Post में कोई गलती रह गयी है.या फिर आर्टिकल पूरा नही है.

आप नीचे Comment Box में Comments करके हमें सूचित कर सकते है और हम इस आर्टिकल को सुधारने की पूरी कोशिश करेंगे, अंत में इसके साथ ही आपसे मेरी गुजारीष है की यदि यह पोस्ट आपके लिए मददगार सवित हुआ होगा तो इसको अपने दोस्तों, के साथ झासा जरुर करें, यहाँ तक पोस्ट पढ़ने के लिए आपका दिल से आभार.

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