Train Ka Avishkar Kisne Kiya?

by Hindraj Kumar
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क्या आप जानते है की Train का अविष्कार किसने किया और कब किया था? अगर नहीं तो आपको इस आर्टिकल में ट्रेन अविष्कार से जुडी सारी जानकारी प्रागैतिहासिक काल से मिलने वाली है,

ट्रेन एक ऐसा आम आदमी के लिए सुविधाजनक साधन है जिसके जरिये लम्बी से लम्बी दुरी कम पैसो में तय करता है आय दिन लाखो की संख्या में लोग इसके जरिये आवागमन करते है और अपने शहर से दुसरे शहर जीविका के लिए जाते है फिर कई लोगो को समय से Tatkal Ticket नहीं मिलती है.

ऐसे में आप सोचिए की Train Ka Avishakar नहीं हुआ होता तो कितने जादा परिशानियो का सामना आम आदमी को उठाना पड़ता, और आज के समय में जिस Speed से लोग रोजाना Travel करते है ट्रेन का अविष्कार न होने के कारण सायद नहीं कर पाते, तो चलिए अब जानते है की ट्रेन का अविष्कार कब से हुआ और किसने किया ,

ट्रेन का इतिहास History of train

ट्रेन परिवहन का इतिहास प्रागैतिहासिक काल में हुआ और तब से आज तक ट्रेन को अनेक अवधियो में विभाजित किया गया है दुनिया का सबसे पहला ट्रैक इंग्लैण्ड की एक नदी के किनारे लगभग 3838 ईसा पूर्व बनाया गया था जिसको पोस्ट ट्रैक के नाम से जाना जाता था इस रेलवे ट्रैक की लम्बाई 68.5 किलो मीटर तक की थी,

तब के समय में ट्रेन को चलने के लिए मानव और स्थाई पशुयो का सहारा लिया जाता था तब उसके बाद से ट्रेन में बदलाव होना शुरू हो गए, और समय-समय पर इसमें काफी परिवर्तन देखने को मिले, जिसकी जानकारी निम्लिखित है.

  • लकड़ी की रेल की शुरुआत
  • धातु रेल की शुरुआत
  • भाप शक्ति का परिचय
  • इलेक्ट्रिक पावर की शुरुआत 
  • डीजल बिजली शुरू की 

1. लकड़ी की रेल की शुरुआत

1515 इसवी में कार्डिनल मैथ्यूस लैंग लकड़ी की रेल की शुरुआत की गयी जिसको चालने के लिए कुछ मानव और पशु से भांग की के द्वारा खिचवाया जाता था ट्रेडवेल के अनुसार यह लाइन अभी भी मौजूद है यह रेलवे परिचालन में सबसे पुराना रेलवे माना गाया,

उस दशक में इस ट्रेन को अयस्क और खदानों को धोने के लिए इस लकड़ी की ट्रेन का इस्तेमाल किया जाता था उस समय में एक मात्र ट्रेन होने के कारण कम समय में यह ट्रेन यूरोप में भी लोकप्रिय हो गयी 1556 में जॉर्जियस एग्रीकोला के द्वारा इसमें परिवर्तन किये गए जिसमे इन्होने हाथ से खीच कर चालने वाली ट्रेन को कुछ इस तरह में परिवर्तित किया,

जिसमे आदमी न लगे और कुत्तो के जरिये इस लकड़ी की ट्रेन को चलाया जाये और प्रेस्कॉट हॉल के पास एक गड्ढे से आधे मील दूर एक टर्मिनस तक कोयला ढोया, मिडलटन रेलवे में लीड्स , जो 1758 में बनाया गया था, बाद में एक उन्नत रूप में अब यद्यपि दुनिया के सबसे पुराने परिचालन रेलवे (funiculars के अलावा अन्य), बन गया। 1764 में, अमेरिका का पहला रेलवे लुईस्टन, न्यूयॉर्क में बनाया गया था,

2. धातु रेल की शुरुआत

लकड़ी के ट्रेन के बाद 1750 के दशक में ब्रिटिश में अधिक लोहे का उत्पाद होने के बाद ब्लास्ट फर्नेस को पावर देने के लिए स्टीम इंजन की शुरूआत हुई फिर उसके बाद कोलब्रुकडेल कंपनी ने इस लकड़ी की ट्रेन में परिवर्तन किये, उन्होंने लकड़ी की ट्रेन के उपरी सतह पर लोहे की प्लेट को लगाना शुरू किया.

जिसके बाद लकड़ी की ट्रेन में भार अधिक धोने की क्षमता बढ़ गयी, जब लकड़ी की ट्रेन में भार धोने में वृद्धि हुयी तब नए-नए ट्रैक भी बनाये गए और ट्रेन को जंगल से गुजरा गया तब इसके पहियों में भी लोह की प्लेटों पर अनफ़्लैंग किए गए पहिए चलते थे.

1803 में, विलियम जेसप ने सरे आयरन रेलवे , एक डबल ट्रैक प्लेटवे खोला, जिसे कभी-कभी गलती से दक्षिण लंदन में दुनिया की पहली सार्वजनिक रेलवे के रूप में उद्धृत किया जाता था इनके और इनके साथी के आउट्राम द्वारा के द्वारा वहां पर उपस्थित लोहे को रेल के विस्तार के लिए उन लोहो से रेल के पहिये बनाये,

और रेल का एक नया निर्माण शुरू किया जो की पहला सार्वजनिक रेलवे भी लेक लॉक रेल रोड के नाम से जाना गया और यह पहली रेल थी जो की कोयले के साथ यात्रियों को भी उनके मुकाम तक पहुचती थी लोहे की रेलों के निर्माण की ये दो प्रणालियाँ, “L” प्लेट-रेल और स्मूथ एज-रेल, 19 वीं शताब्दी की शुरुआत में अगल-बगल मौजूद रहीं। चपटा पहिया और किनारे-रेल ने अंततः अपनी श्रेष्ठता साबित की और रेलवे के लिए मानक बन गया.

किन्तु फिर भी इस रेल में भी कुछ समस्या बनी रही क्योकि कास्ट आइरन रेल के लिए एक अच्छा लोहा सवित नहीं हुआ क्योकि यह भंगुर था जिसके फलस्वरूप अधिक भार ले जाने के कारण टूट जाता था इस समस्या से परेसान होकर 1820 में जॉन बिर्ककिंस द्वारा आविष्कार किये गए लोहे इस समस्या का समाधान बना.

लोहे के उत्पाद में अगला महत्वपूर्ण योगदान जेम्स ब्यूमोंट नीलसन का था जिन्होंने 1828 में गर्म विस्फोट से उत्पन्न पिग आयरन से किया जिसने लकड़ी या कोयले की मात्रा को काफी कम कर दिया, 19 वीं सदी के अंत में बेसेमर प्रकिर्या बदना शुरू हो गयी जिसमे स्टील की गुणवक्ता में सुधार और लागत को कम करने के लिए रेलों में लोहे का उपयोग पूरी तरह से बदल दिया गया,

3. भाप शक्ति का परिचय

भाप के Engine का अविष्कार  मैकेनिकल इंजीनियर, जेम्स वाट ने किया था उनके द्वारा 1769 में एक घुमाने वाला इंजन विकशित किया यह एक बड़ा भाप इंजन वाट के द्वारा बनाया गया किन्तु इस इंजन को और भी शुचारू रूप से काम करने के लिए पिस्टन पर सीधे उच्च दबाव के भाप के अभिनय की जाच की,

यूरोप के अधिकांश हिस्सों में रेलवे के लिए भाप इंजन के पूर्व-प्रतिष्ठित बिल्डर के रूप में अपनी कंपनी की स्थापना की पहला सार्वजनिक रेलवे जो हर समय केवल भाप इंजन का इस्तेमाल करता था, वह था लिवरपूल और मैनचेस्टर रेलवे , जिसे 1 .3० में बनाया गया था एक सदी से भी अधिक समय से दुनिया भर के रेलवे में भाप शक्ति प्रमुख शक्ति प्रणाली बनी हुई है।

4. इलेक्ट्रिक पावर की शुरुआत

Electric locomotive 1837 में रसायनज्ञ द्वारा बनाया गया था रॉबर्ट डेविडसन के द्वारा बिजली उत्पन्न बटरी की, इसके बाद डेविडसन नाम बाद में एक बड़ा लोकोमोटिव बनाया, इसका प्रदशन 1841 में कला के रॉयल स्काटिश सोसायटी में किया गया.

जिसमे सात टन का वाहनसिलेंडर से जुडी सलाखे विद्युत चुम्बकों के साथ 2.4 किलोमीटर की दूरी के लिए चार मील प्रति घंटे, 6 किलोमीटर प्रति घंटे तय की,लेकिन बाद में रेलवे कर्मियों के द्वारा battery से सिमित शक्ति का उपयोग करना रोक दिया गया क्योकि किसी भी कर्मी को किसी तरह का खतरा न हो.

5. डीजल बिजली शुरू की 

एल्को-अमेरिका के सहयोग से 1961 में डीजल और विधुत रेल इंजन का अविष्कार हुआ January 1964 में First Rail Engine का निर्माण कर राष्ट को समर्पित किया, विलियम डेंट प्रेस्टमैन द्वारा डिज़ाइन किया गया जिसमे एक प्रोटोटाइप शामिल था फिर उसके बाद Bullet Train High Speed जैसी ट्रेने विकशित हुयी तो ये था रेल का इतिहास अब हम जानेंगे की.

Train Ka Avishkar Kisne Kiya

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Train ka avishkar kisane kiya

George Stephenson (जॉर्ज स्टीफेंसन) रेलवे इंजीनियर ,जो सबसे प्रसिद्ध रेलवे लोकोमोटिव का निर्थेमाण किया, इसके द्वारा लोकोमोटिव ट्रेन का अविष्कार 9 June 1781 Newcastle-on-Tyne के पास हुआ जिसका नाम Locomotive रखा गया था जॉर्ज स्टीफेंसनअ की उस समय आर्थिक स्थिति बहुत ही कमजोर थी जिसके कारण इनके पिता coalmine में एक engineman थे और अपने बचपन के समय में(George Stephenson) खदान में काम किया करते थे अपने पिता को देखकर ही इसको ट्रेन के अविष्कार में दिलचस्पी बड़ी.

इसको पढाई से बहुत जादा लगाव था तो खाली समय मलने पर ये पढ़ा करते थे पढाई में इनकी रूचि बचपन से ही बहुत जादा थी जब यह खदानों में काम किया करते थे तो रेल इंजन के बारे में जानने की इनकी बहुत चाह थी और फिर इन्होने फैसला किया की मुझको रेल इंजन के बारे में भली पूर्वक जानकरी हासिल करनी है.

यही जज्बा लेकर George Stephenson (जॉर्ज स्टीफेंसन) ने खानों में कार्यरत होने के बावजूद भी आदिम स्टीम इंजनों के प्रबंधन के लिए ख्याति प्राप्त की, फिर इसके बाद इन्होने कई अलग-अलग Coal mines (कोयले की खान) में काम किया।

1814 में, स्टीफ़ेन्सन ने न्यूकैसल के पास किलिंगवर्थ कोलियरी में कोयले की ढुलाई के लिए अपना पहला लोकोमोटिव ‘ब्लुचर’ बनाया, जिससे कोयले को धोने में अधिक परेशानी न हो और कम समय में अधिक कोयला धोया जाए  1815 में, उन्होंने कोयला में उपयोग के लिए एक सुरक्षा दीपक का आविष्कार किया, जिसका नाम ‘जियोर्डी'(Geordie) था।

1821 में George Stephenson को Stockton and Darlington railway के निर्माण इंजिनियर के पद पर नियुक्त किया गया ठीक उसके अगले वर्ष Stephenson Manchester Railway के लिए लीवर पूल के लिए इंजिनियर बनाया गया October 1829 में रेलवे के द्वारा एक प्रियोगता का आयोजन किया गया.

जिसमे प्रायोजित किया गया की लम्बी दुरी पर भारी भार खीचने वाला इंजन बनाया जाए जिसमे कई इंजिनियर ने भाग लिया और हजारो लोग इस प्रतियोगता को देखने के लिए उपस्थित हुए और उन इंजिनियर में से एक Engineer George Stephenson (जॉर्ज स्टीफेंसन) भी थे.

जिन्होंने अपने लोकोमोटिव ( रेल इंजन का नाम)के निर्माण को प्रस्तुत किया जो की 36 मील प्रति घंटे की रिकॉर्ड गति प्राप्त की और विजेता घोषित किये गए उस समय सबसे तेज गति से चलने वाला और अधिक भार धोने वाला लोकोमोटिव (Locomotive) सवित हुआ उस समय Locomotive को राकेट के नाम से संवोधित किया गया.

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Locomotive जैसे रेल इ रेलवे को बहुत जादा जरुरत थी जो की अधिक भार के साथ लम्बी दुरी कम समय में तय कर सके जो की Locomotive(लोकोमोटिव) के द्वारा सफल हुआ, रेलवे के लिए इतना बड़ा तोफा Stephenson के द्वारा संभव हुआ, जिनके द्वारा रेलवे को एक नयी दिशा मिली.

Train Ka Avishkar kisne kiya और कब? यह जानने से पहले यह जानना जरूरी है की विश्व को पहली ट्रेन कब चली? जिसका जवाब है की सफल ट्रेन का आविष्कार September, 1825 को जार्ज स्टीफेन्सन (George Stephenson) बनाई थी जिसका नाम था “लोकोमोशन”

रेल का अविष्कार किसने किया?

तो दोस्तों आपको यह लेख Rail Gadi Ka Avishkar Kisne Kiya आपको कैसा लगा, मैं उम्मीद करता हु की आप लोगो को यह लेख जरुर पसंद आया होगा, मैंने अपनी तरफ से ट्रेन के अविष्कार की पूरी जानकारी हिंदी में दि है फिर भी आपको लगता है

की इस Post में कोई गलती रह गयी है या फिर Who invented the train in Hindi पोस्ट पूरा नही है, तो आप नीचे Comment Box में Comments करके मुझको सूचित कर सकते है और मैं इस आर्टिकल को सुधारने की पूरी कोशिश करूँगा,

आपको लेख पसंद आया तो आप इस लेख को अपने दोस्तों के साथ जरुर झासा करे. social media पर share करे जैसे Facebook , Instagram , WhatsApp , Twitter और भी दुसरे सोशल मीडिया पर जरुर share करें.

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